Patna Promise: पटना से तेजस्वी का बड़ा ऐलान! सिर्फ 20 दिन में हर परिवार को सरकारी नौकरी, जीविका दीदी को ₹30,000 सैलरी? वक्फ कानून पर क्यों लगाई रोक

क्या बिहार का 'तेजस्वी प्रण' घोषणापत्र सिर्फ चुनावी वादा है या सचमुच बिहार के पुनर्निर्माण की योजना? क्या महागठबंधन सरकार बनते ही 20 दिन के भीतर सरकारी नौकरी का कानून ला देगी? शराबबंदी कानून और वक्फ कानून पर समीक्षा के वादे के पीछे की असली वजह क्या है? पूरी जानकारी जानने के लिए तुरंत पढ़ें!

Oct 28, 2025 - 20:00
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Patna Promise: पटना से तेजस्वी का बड़ा ऐलान! सिर्फ 20 दिन में हर परिवार को सरकारी नौकरी, जीविका दीदी को ₹30,000 सैलरी? वक्फ कानून पर क्यों लगाई रोक
Patna Promise: पटना से तेजस्वी का बड़ा ऐलान! सिर्फ 20 दिन में हर परिवार को सरकारी नौकरी, जीविका दीदी को ₹30,000 सैलरी? वक्फ कानून पर क्यों लगाई रोक

पटना, 28 अक्टूबर 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन ने शुक्रवार को अपना साझा घोषणापत्र जारी करके सियासी हलचल को चरम पर पहुँचा दिया है। 'बिहार का तेजस्वी प्रण' नामक इस दस्तावेज में कई ऐसे आकर्षक और ऐतिहासिक वादे किए गए हैं, जिनकी पूर्ति होने पर राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचा पूरी तरह बदल सकता है। महागठबंधन ने दावा किया है कि यह केवल चुनावी वादों का पुलिंदा नहीं, बल्कि 'बिहार के पुनर्निर्माण की योजना' है।

तेजस्वी का 'प्रण': 20 दिन में नौकरी का कानून?

घोषणापत्र जारी करने के अवसर पर राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी और वाम दलों के नेता मंच पर मौजूद रहे। तेजस्वी यादव ने इसे 'बिहार की जनता का प्रण' करार दिया।

  • सबसे बड़ा वाद: घोषणापत्र में सबसे बड़ा और चौंकाने वाला वादा है 'हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम 20 दिनों के भीतर लाने का'। इसके साथ ही 20 महीने में नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है।

  • पवन खेड़ा का हमला: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार 20 साल पीछे चला गया है और अब बदलने का वक्त गया है।

जीविका दीदियों पर बड़ा दांव: सरकारी कर्मचारी का दर्जा

महागठबंधन ने बिहार की 1 करोड़ से अधिक जीविका दीदियों को लुभाने के लिए ऐतिहासिक घोषणा की है।

  • वेतन और दर्जा: सभी जीविका दीदियों को स्थायी कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें ₹30,000 प्रतिमाह वेतन और ब्याज मुक्त ऋण जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।

  • अन्य आर्थिक राहत: गरीबों को मात्र ₹500 में गैस सिलेंडर देने और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने का वाद भी शामिल है। इसके अलावा, मनरेगा मजदूरी को बढ़ाकर ₹300 प्रतिदिन करने की बात कही गई है।

शराबबंदी और वक्फ कानून: राजनीतिक समीक्षा की मांग

घोषणापत्र में दो विवादास्पद कानूनों पर समीक्षा की मांग ने सियासी गलियारों में बहस छेड़ दी है:

  1. शराबबंदी कानून: महागठबंधन ने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने का वादा किया है। यह कदम उन गरीब और दलित परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिन पर इस कानून के तहत मुकदमे दर्ज हुए हैं। ताड़ी और महुआ आधारित पारंपरिक रोजगार को इस कानून से मुक्त करने की बात भी कही गई है।

  2. वक्फ कानून पर रोक: वक्फ कानून पर रोक लगाने की बात कही गई है। इस वादे को राजनीतिक विश्लेषक अल्पसंख्यक वोट बैंक को लुभाने और कुछ विवादित सरकारी नीतियों के खिलाफ नाराजगी को भुनाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं।

बदलाव की रूपरेखा या बस चुनावी पुलिंदा?

तेजस्वी यादव ने साफ किया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर होगी, जिससे बिहार 'पलायन और भ्रष्टाचार से मुक्त' होकर आत्मनिर्भर बन सके। घोषणापत्र में आइटी पार्क, डेयरी, कृषि आधारित उद्योग, हेल्थ सर्विस और फूड प्रोसेसिंग नीति लाने का भी वादा किया गया है।

विपक्षी दल इस घोषणापत्र को 'खोदा पहाड़ निकली चुहिया' बताकर हमलावर हैं, जबकि महागठबंधन का दावा है कि यह बिहार को नंबर 1 बनाने का संकल्प है। अब देखना यह है कि 'तेजस्वी प्रण' में किए गए बड़े और आक्रामक वादे मतदान के दिन जनता पर कितना असर डालते हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।