Chapra Hype: छपरा का रण गर्माया! खेसारी लाल के लिए अखिलेश यादव की एंट्री! क्या बदल जाएगा सियासी गणित?
क्या आप जानते हैं कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की बिहार चुनाव में एंट्री से सियासी हलचल क्यों तेज हो गई है? छपरा में भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के लिए अखिलेश की रैली का क्या मकसद है? क्या यह रैली 'इंडिया' गठबंधन के युवा समर्थकों को एकजुट कर पाएगी? जानिए चुनाव से पहले इस स्टार प्रचारक की रणनीति और आगे क्या होगा!
पटना, 28 अक्टूबर 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार पावर की धमक और तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बिहार के चुनावी दंगल में एंट्री ने सियासी गर्मी को चरम पर पहुंचा दिया है। अखिलेश जल्द ही ऐतिहासिक छपरा में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं, जिसका सीधा मकसद भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव के लिए वोट मांगना है।
अखिलेश यादव का यह दौरा न केवल 'इंडिया' गठबंधन का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि छपरा सीट पर चल रहे मुकाबले को भी देश की नजरों में ला देगा। खेसारी लाल यादव पहले से ही अपने गृह क्षेत्र छपरा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़कर सुर्खियों में हैं, और अब अखिलेश यादव जैसे बड़े युवा नेता का समर्थन मिलने से यहां का चुनावी समीकरण तेजी से बदल सकता है।
छपरा क्यों है अहम? युवा वोटरों पर निशाना
उत्तर प्रदेश की राजनीति में युवाओं को साधने के लिए जाने जाने वाले अखिलेश यादव का फोकस छपरा में दोहरी रणनीति पर होगा:
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युवा अपील: अखिलेश यादव और खेसारी लाल यादव, दोनों की ही युवाओं के बीच जबरदस्त अपील है। माना जा रहा है कि इस जनसभा में युवाओं और भोजपुरी प्रशंसकों की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ जुट सकती है। भीड़ का यह उत्साह वोट में तब्दील हुआ तो छपरा सीट पर खेसारी लाल यादव की जीत सुनिश्चित हो सकती है।
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यादव वोटबैंक: यादव समुदाय के एक प्रमुख राष्ट्रीय चेहरे के रूप में, अखिलेश की मौजूदगी राजद के पारंपरिक 'MY' (मुस्लिम-यादव) समीकरण को अतिरिक्त ताकत देगी। यह रैली 'इंडिया' गठबंधन को एकजुट और मजबूत दिखाने का काम भी करेगी।
20 स्टार प्रचारकों की सेना और 'गठबंधन धर्म'
अखिलेश यादव की एंट्री अचानक नहीं है। समाजवादी पार्टी ने पहले ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी थी। इस सूची में अखिलेश यादव के अलावा उनकी पत्नी डिंपल यादव और वरिष्ठ नेता आजम खान का नाम भी शामिल है।
सपा का यह कदम 'गठबंधन धर्म' के प्रति उसके मजबूत समर्थन को दर्शाता है। सपा ने इस चुनाव में खुद उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, बल्कि वह पूरी ताकत से 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगियों के लिए प्रचार कर रही है।
उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति का इतिहास: बिहार और उत्तर प्रदेश में दशकों से समाजवादी विचारधारा का प्रभाव रहा है। लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक और राजनीतिक संबंध हमेशा से मजबूत रहे हैं। अखिलेश का यह दौरा इसी पुरानी दोस्ती और 'इंडिया' गठबंधन की नई राजनीतिक जरूरत को मजबूती देगा, जिसका संदेश पूरे बिहार में जाएगा।
अखिलेश यादव उन सभी सीटों पर प्रचार पर फोकस करेंगे जहां 'इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवार जीत की दौड़ में मजबूत हैं या जहां उनके आने से मुकाबला पूरी तरह पलट सकता है। छपरा की रैली इस रणनीति की शुरुआत भर है, जिसका समापन बिहार में एक बड़े सियासी बदलाव के साथ होने की उम्मीद है।
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