Indian Airforce Day: क्यों हर युवा को बनना चाहिए भारत की वायु सेना का हिस्सा!
क्या आपने कभी सोचा है कि नीले आसमान में उड़ने का सपना कैसे हकीकत बन सकता है? जानिए भारत वायु सेना दिवस (8 अक्टूबर) का इतिहास और वो कारण, क्यों हर भारतीय युवा को इस गौरवशाली सेना का हिस्सा बनना चाहिए।
हर साल 8 अक्टूबर को भारत गर्व से मनाता है — भारतीय वायु सेना दिवस (Indian Air Force Day)।
यह दिन सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि उन वीर योद्धाओं को सलाम है जो आसमान की ऊंचाइयों पर देश की रक्षा में तत्पर रहते हैं।
भारत की वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। तब इसे “रॉयल इंडियन एयर फोर्स” कहा जाता था।
आजादी के बाद “रॉयल” शब्द हटाकर इसे “भारतीय वायु सेना” नाम दिया गया।
1947 के बाद से वायु सेना ने हर युद्ध और आपात स्थिति में अपनी बहादुरी से इतिहास रचा है — चाहे 1948 का कश्मीर युद्ध, 1965 और 1971 के इंडो-पाक युद्ध हों या फिर कारगिल ऑपरेशन, भारतीय वायु सेना ने हमेशा देश की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई।
नाम: दीपक कुमार शर्मा
रैंक : सार्जेंट
भारतीय वायुसेना में विभिन्न स्थानों पर 26 वर्षों तक की सेवा देकर आए आस्था ट्विन सिटी निवासी सार्जेंट दीपक शर्मा को कारगिल युद्ध के दौरान एएफ स्टेशन आगरा 106 स्क्वाड्रन "कैनबरा ए/सी" में तैनात किया गया था एवम् सीबीई में फोटोग्राफी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।अपने कार्यकाल के दौरान दीपक शर्मा ने यूनिट 37 स्क्वाड्रन, 18 विंग, 152 स्क्वाड्रन, 23ईडी, 106 स्क्वाड्रन एक्स एएफ स्टेशन बीदर में सेवा प्रदान की।उनकी 26 वर्षीय सेवा के लिए उन्हें 9 वर्ष एलएसएम, 20 वर्ष एलएसएम, 50 वर्ष स्वतंत्रता, मरुस्थल पदक, ऑप्स पराक्रम, ऑप्स विजय जैसे पदकों से सम्मानित किया गया था। वर्तमान में दीपक शर्मा बैंक में कार्यरत है।
नाम-राजेश कुमार
रैंक - भूतपूर्व सार्जेंट
भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त गोविंदपुर निवासी राजेश कुमार 27 नवंबर 1989 को फौज में भर्ती हुए और मां भारती की सेवा करने का शुभ अवसर पाया। अपने 20 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने एमआई-17 हेलीकाप्टर एवम विभिन्न कोर्सेज किया।अपनी मुख्य सेवारत इकाई का विश्लेषण देते हुए उन्होंने बताया की मुख्य तौर पर वे उधमपुर, श्रीनगर, डिब्रूगढ़ (असम), कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना
जिसके लिए उन्हें विदेश सेवा पदक भी प्रदान किया।भारतीय वायु सेना से अपने 20 वर्ष सेवा के उपरांत 30/11/2009 को सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में वे एसबीआई मानगो में कार्यरत है।
नाम:निखिल कुमार सिन्हा
रैंक: सार्जेंट
मानगो निवासी सार्जेंट निखिल सिन्हा ने 18 मार्च 1997 को भारतीय वायुसेना बहाल हो, देश सेवा में करियर बनाने का निर्णय लिया।अपने 20 वर्षीय कार्यकाल में वे बेंगलुरु, अंबाला, तेजपुर असम, मुंबई,बाडमेर, दिल्ली में पदस्थापित रहे। वायुसेना में वे इंद्र राडार, संचार इकाई 3 बार, उपकरण मरम्मत डिपो में कार्यरत थे।सेना के प्रति उनके जज्बे को देखते हुए उन्हें 9 वर्ष और 20 वर्ष पदक से सम्मानित किया गया।युद्ध में ऑप्स सुरक्षित सागर या कारगिल युद्ध, ऑप्स असम बंगाल, ऑप्स राइनो में वोह अहम भूमिका में थे। वर्तमान में एसबीआई में कार्यरत है।
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