West Singhbhum Fraud: डाकघर का उप डाकपाल निकला साइबर जुआरी! गुवा मार्केट से विकास कुईला गिरफ्तार, 50 लाख रुपये से अधिक की फर्जी निकासी क्यों?
पश्चिमी सिंहभूम के गुवा रेलवे मार्केट डाकघर के उप डाकपाल विकास चंद्र कुईला को 50 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जाँच में पता चला कि कुईला ने यह रकम डेल्टा एक्सचेंज और धूम ट्रिपल नाइन कैसिनो जैसे ऑनलाइन गेम्स में जुआ खेलकर हारी थी।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा रेलवे मार्केट स्थित डाकघर से एक ऐसी सनसनीखेज धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसने सरकारी संस्थानों में विश्वास को गहरा धक्का पहुँचाया है। डाकघर के तत्कालीन उप डाकपाल विकास चंद्र कुईला को 50 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। विकास कुईला पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विभिन्न बचत योजनाओं के खाताधारकों की जमा राशि से कुल 50,56,473 रुपये की फर्जी निकासी की।
यह धोखाधड़ी केवल एक कर्मचारी द्वारा किया गया वित्तीय अपराध नहीं है, बल्कि ऑनलाइन गेम्स और जुआ की गहरी लत का दर्दनाक नतीजा है, जिसने विकास कुईला को अपराध के दलदल में धकेल दिया।
ऑनलाइन जुए की लत में उड़ाए लाखों
पुलिस की गहन जाँच में विकास कुईला की इस धोखाधड़ी के पीछे का चौंकाने वाला कारण सामने आया। कुईला को ऑनलाइन जुआ खेलने की गहरी लत थी, जिसके चक्कर में उन्होंने लाखों रुपये गँवा दिए।
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साइबर कैसिनो: जाँच में खुलासा हुआ कि विकास ने डेल्टा एक्सचेंज और धूम ट्रिपल नाइन कैसिनो ऐप जैसे ऑनलाइन गेम्स में लगभग 32,95,423 रुपये हार दिए थे।
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पारंपरिक जुआ: ऑनलाइन गेम्स के अलावा, विकास मुर्गा पाड़ा हब्बा डाब्बा जैसे स्थानीय जुए में भी शामिल थे, जिसमें उन्होंने 18 से 20 लाख रुपये और गँवा दिए।
जाँच में यह भी पता चला कि विकास जुए के आदी थे और उनके पोस्ट ऑफिस और एसबीआई खाते में वर्ष 2022 से अब तक काफी बड़ी रकम का लेन-देन हुआ है। यह दिखाता है कि यह धोखाधड़ी अचानक नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि से चल रही थी।
पुलिस कार्रवाई और आरोपी की स्वीकारोक्ति
गुवा थाना में कांड संख्या 34/2025 दर्ज कर पुलिस ने जाँच शुरू की। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय केरकेट्टा किरीबुरू के नेतृत्व में गठित टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर विकास चंद्र कुईला को उनके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तारी का तरीका: गिरफ्तारी दो स्वतंत्र साक्षियों और उनकी पत्नी के समक्ष की गई।
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अपराध की स्वीकृति: विकास ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के पास से ओप्पो कंपनी का एंड्रॉयड मोबाइल फोन भी जब्त किया है, जो ऑनलाइन जुए के लेन-देन की जाँच में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय केरकेट्टा के नेतृत्व में थाना प्रभारी पु०अ०नि० नीतीश कुमार समेत पूरी टीम ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया। यह घटना सरकारी कर्मचारियों में बढ़ती वित्तीय अनियमितताओं और डिजिटल जुए के खतरों को सामने लाती है।
आपकी राय में, सरकारी संस्थानों में वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए केवल ऑडिट के बजाय कर्मचारियों के अचानक बढ़े हुए लेन-देन पर कौन सी दो डिजिटल निगरानी तुरंत शुरू करनी चाहिए?
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