Jamshedpur Iftar: गंगा-जमुनी तहजीब का जलवा, हिंदू-मुस्लिम ने एक साथ खोला रोजा!
जमशेदपुर में हिंद एकता संस्था की ओर से सामूहिक इफ्तार पार्टी का आयोजन! हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एक साथ हुए शामिल, जानें कैसे बंधा भाईचारे का अनोखा रंग।

जमशेदपुर: हिंद एकता सामाजिक संस्था की ओर से GP Slope क्लब हाउस, कदमा में विशाल सामूहिक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया, जहां हर धर्म और समुदाय के लोगों ने एक साथ रोजा खोला। इस खास मौके पर हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों ने भाईचारे का संदेश दिया और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की।
संस्था के अध्यक्ष सिमरन भाटिया ने कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा से ही विविधता में एकता की रही है और यही इफ्तार पार्टी की सबसे बड़ी खूबसूरती थी। उन्होंने कहा, "इस आयोजन का मकसद सिर्फ रोजा खोलना नहीं, बल्कि सभी धर्मों के बीच सौहार्द और प्रेम को बढ़ावा देना था।"
जब खास और आम ने एक साथ किया रोजा इफ्तार!
इस भव्य इफ्तार पार्टी में आम लोग ही नहीं, बल्कि शहर के कई प्रतिष्ठित चेहरे भी शामिल हुए। इस आयोजन में बिष्टुपुर थाना प्रभारी उमेश ठाकुर, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा के युवा नेता बबन राय, महावीर मुर्मू, कांग्रेस के धर्मेंद सोनकर, विधायक प्रतिनिधि अनुज चौधरी, समाजसेवी तनवीर एहसान, गुरुप्रीत सिंह प्रिंस, मनमीत सिंह, सतविंदर सिंह, हिनल पटेल समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश
भारत की पहचान उसकी गंगा-जमुनी तहजीब से है, यानी वह संस्कृति जहां हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं। इफ्तार पार्टी में यही नजारा देखने को मिला जब हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के लोगों ने एक ही पंक्ति में बैठकर रोजा खोला। यह एक शानदार उदाहरण था कि भारत की विविधता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
इतिहास में झांकें तो…
भारत में गंगा-जमुनी तहजीब की जड़ें मुगल काल से जुड़ी हुई हैं। अकबर ने अपने शासनकाल में दीन-ए-इलाही नामक धर्म की शुरुआत की, जो सभी धर्मों का संगम था। मुगल दरबार में हिंदू और मुस्लिम दोनों को समान सम्मान दिया जाता था। समय के साथ भारत में यह परंपरा और मजबूत होती गई और आज भी कई त्योहार ऐसे हैं, जहां धर्मों की दीवारें टूट जाती हैं।
भाईचारे का संदेश और भविष्य की उम्मीदें
इस आयोजन से एकता और सौहार्द का संदेश पूरे शहर में फैल गया। आयोजकों ने कहा कि आने वाले समय में भी इस तरह के आयोजनों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे समाज में भाईचारा और प्रेम बना रहे।
क्या ऐसे आयोजन सामाजिक एकता को मजबूत करेंगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजनों से धर्म, जाति और वर्ग की दीवारें गिरती हैं और लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं। यह इफ्तार पार्टी इस बात का सबूत है कि अगर हम एकता के साथ आगे बढ़ें, तो समाज और देश को और मजबूत बनाया जा सकता है।
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