तारा पब्लिक स्कूल में विश्व शिक्षक दिवस: जानें कैसे शिक्षकों ने हमारे भविष्य को आकार देने का संदेश दिया

तारा पब्लिक स्कूल हाता में विश्व शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। प्राचार्य कमलेश मिश्र और अन्य शिक्षकों ने छात्रों के जीवन में शिक्षक के महत्व को लेकर प्रेरक भाषण दिए। जानें इस कार्यक्रम की प्रमुख बातें और शिक्षक समाज में कैसे बनते हैं स्तंभ।

Oct 5, 2024 - 13:00
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तारा पब्लिक स्कूल में विश्व शिक्षक दिवस: जानें कैसे शिक्षकों ने हमारे भविष्य को आकार देने का संदेश दिया
तारा पब्लिक स्कूल में विश्व शिक्षक दिवस: जानें कैसे शिक्षकों ने हमारे भविष्य को आकार देने का संदेश दिया

विश्व शिक्षक दिवस पर तारा पब्लिक स्कूल में शिक्षकों के महत्व को लेकर प्रेरक आयोजन

हाता, हरिवंश नगर: तारा पब्लिक स्कूल में विश्व शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया, जिसमें शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर शिक्षकों के योगदान को सराहा। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य कमलेश मिश्र ने सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को हमारे भविष्य को आकार देने वाले शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक मौका देता है, जिन्होंने अपने समर्पण से हमारे जीवन को गढ़ा है।

शिक्षा की नींव रख रहे हैं शिक्षक

प्राचार्य कमलेश मिश्र ने अपने संबोधन में बताया कि शिक्षक ही शिक्षा की नींव होते हैं। वे प्रत्येक छात्र को समझते हैं और उसकी शिक्षा में योगदान करते हैं। शिक्षा के माध्यम से शिक्षक छात्रों को सिर्फ ज्ञान ही नहीं बल्कि समाज में एक बेहतर इंसान बनने का मार्ग भी दिखाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जिससे छात्रों का समग्र विकास होता है।

"शिक्षक सभी छात्रों को एक साथ लेकर चलते हैं और प्रत्येक छात्र की सीखने में सहायता भी करते हैं। उनका हमारे जीवन में अमूल्य योगदान होता है, जो किसी भी तरह से आंका नहीं जा सकता," मिश्र ने कहा।

शिक्षक समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ

इस अवसर पर शिक्षक मिहिर गोप ने भी छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज में उपस्थित महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं। वे समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। "एक शिक्षक अपने संपूर्ण जीवन को छात्रों के विकास के लिए समर्पित कर देता है। शिक्षक देश की आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करते हैं, जिससे देश का विकास होता है और साक्षरता दर बढ़ती है। एक शिक्षित छात्र ही देश की उन्नति का प्रमुख साधन बन सकता है," गोप ने बताया।

शिक्षा की इस प्रक्रिया को सिर्फ स्कूल की चारदीवारी तक सीमित नहीं किया जा सकता। यह शिक्षक का दृढ़ संकल्प और उनके निरंतर प्रयास ही हैं जो छात्रों के मन में सीखने की जिज्ञासा पैदा करते हैं। इस बात पर जोर देते हुए शिक्षक गोप ने कहा कि "हमारी जिम्मेदारी है कि हम न सिर्फ अच्छे अंक लाने में मदद करें बल्कि बेहतर इंसान बनने में भी सहयोग करें।"

शिक्षक और छात्रों का संयुक्त प्रयास

इस आयोजन में अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और शिक्षा की भूमिका पर विचार साझा किए। शिक्षक अंबुज प्रमाणिक, सपन पात्र, अर्जुन झा, हेमचंद्र पात्र और शिक्षिका पम्मी मोड़ल, निकिता गोप, सुषमा भकत, शिल्पा बारिक, वर्षा मिश्रा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सभी को शिक्षक दिवस के महत्व से अवगत कराया।

शिक्षिका पम्मी मोड़ल ने कहा, "शिक्षा केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। एक शिक्षक का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक बेहतर इंसान बनाना होता है, जो समाज में बदलाव ला सके।" उन्होंने शिक्षा की सामाजिक भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि हर शिक्षक का कर्तव्य है कि वह अपने छात्रों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखे, बल्कि उनमें नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भी विकसित करे।

शिक्षा से विकास की दिशा में बढ़ता कदम

इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को यह बताना था कि शिक्षक केवल उनके पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे उनके संपूर्ण जीवन का निर्माण करने में मदद करते हैं। शिक्षिका सुषमा भकत ने इस बात पर जोर दिया कि "शिक्षा का उद्देश्य केवल अंक लाना नहीं, बल्कि छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है। यह शिक्षक ही हैं जो हर छात्र की कमजोरियों को समझकर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।"

शिक्षक सम्मान की जरूरत

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले शिक्षकों में शामिल थीं संगीता सरदार, संगीता पाल, झुनु राणा, नमिता सरदार, सुषमा बेहरा, और मालोती हांसदा। उन्होंने शिक्षा की नई दिशा के बारे में बात की और इस बात पर जोर दिया कि कैसे शिक्षक समाज के लिए बदलाव के वाहक होते हैं। शिक्षिका संगीता सरदार ने कहा, "शिक्षा का असली मकसद छात्रों को समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है। शिक्षक इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं और इसके लिए उन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए।"

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

विश्व शिक्षक दिवस मनाना केवल एक समारोह नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर भी है। तारा पब्लिक स्कूल ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि हमारे जीवन में शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने न केवल हमें पढ़ना-लिखना सिखाया, बल्कि जीवन जीने का तरीका भी सिखाया।

शिक्षक दिवस के इस मौके पर, छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के अपने मिशन को जारी रखेंगे। इस आयोजन ने सभी को यह याद दिलाया कि शिक्षक केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है जो समाज को संवारने में अहम भूमिका निभाता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।