Jamshedpur Alert: ओड़िशा से गुड़ाबांदा पहुंची मादा बाघ, वन विभाग में हड़कंप, ग्रामीणों में दहशत

ओड़िशा से गुड़ाबांदा पहुंचे मादा बाघ की खबर से इलाके में दहशत, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट। ग्रामीणों को सुरक्षा के लिए जरूरी हिदायतें दी गईं।

Dec 8, 2024 - 19:59
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Jamshedpur Alert: ओड़िशा से गुड़ाबांदा पहुंची मादा बाघ, वन विभाग में हड़कंप, ग्रामीणों में दहशत
Jamshedpur Alert: ओड़िशा से गुड़ाबांदा पहुंची मादा बाघ, वन विभाग में हड़कंप, ग्रामीणों में दहशत

जमशेदपुर: Tiger Sightedओड़िशा के सिमलीपाल वन क्षेत्र से एक मादा बाघ के भागकर गुड़ाबांदा के जंगलों में पहुंचने की खबर से इलाके में भारी दहशत फैल गई है। वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों को सावधान रहने की हिदायत दी है।

सिमलीपाल से गुड़ाबांदा तक की यात्रा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओड़िशा के सिमलीपाल वन क्षेत्र से एक मादा बाघ ने अपनी सीमा पार कर झारखंड के गुड़ाबांदा इलाके में प्रवेश किया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बाघिन का ट्रैक बालीजुड़ी पंचायत के लाड़काबासा और पांड्रापाथर क्षेत्र में किया गया है। पिछले कुछ समय से इसका जीपीएस सिस्टम से कनेक्शन नहीं हो रहा है, जिससे इसकी निगरानी में परेशानी हो रही है।

ग्रामिणों की सुरक्षा की चिंता

वन विभाग ने क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा है। उन्हें सलाह दी गई है कि जंगल के आसपास के रास्तों से परहेज करें और दिन के समय ही बाहर निकलें। ग्रामीणों में बाघ की मौजूदगी से चिंताओं का माहौल बन गया है, खासकर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर डर है।

गुड़ाबांदा क्षेत्र का वन्य जीव इतिहास

गुड़ाबांदा और इसके आस-पास के जंगल क्षेत्र वन्य जीवों के लिए जाना जाता है। यह इलाका बाघों और अन्य वन्य जीवों का घर है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या में गिरावट आई है। ओड़िशा से झारखंड के इस क्षेत्र में बाघ का पहुंचना एक असामान्य घटना है, जो वन्य जीवों के संरक्षण के लिए एक नई चुनौती पेश कर रही है।

जीपीएस ट्रैकिंग का महत्व

वन विभाग के कर्मी अभिलाष महतो ने बताया कि महाराष्ट्र से लाकर ओड़िशा के सिमलीपाल में कुछ बाघों को छोड़ा गया था। इन बाघों में से दो बाघ सिमलीपाल से बाहर निकल चुके हैं। बाघिन के गले में जीपीएस ट्रैकर कॉलर लगाया गया है, जिससे इसके मूवमेंट की जानकारी ली जा रही है।

वन विभाग की सतर्कता

ओड़िशा और झारखंड वन विभाग के कर्मचारी इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं। वन विभाग का कहना है कि वे बाघिन की गतिविधियों को लगातार ट्रैक कर रहे हैं और जरूरत पड़ी तो उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना बनाई जाएगी।

ग्रामीणों से अपील

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और जंगल में रात के समय जाने से बचें। इसके अलावा, उन्हें जंगल के बाहरी हिस्सों में भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी गई है।

वन्य जीव संरक्षण की आवश्यकता

यह घटना वन्य जीवों के संरक्षण के महत्व को दर्शाती है। जहां एक ओर यह बाघिन प्राकृतिक निवास स्थान से बाहर निकलकर मानव क्षेत्रों में आ रही है, वहीं दूसरी ओर यह वन्य जीवों के संरक्षण के लिए आवश्यक कदमों की याद दिलाती है।

आगे की योजना

वन विभाग ने इस बाघिन के ट्रैकिंग के लिए विशेष दल को तैनात किया है, ताकि उसके स्थान और गतिविधियों का बेहतर तरीके से पता लगाया जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बाघिन को कोई खतरा न हो, वन विभाग ने सभी जरूरी कदम उठाने का वादा किया है।

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