Dhanbad Cyber : पुलिस की बड़ी कामयाबी, मोबाइल ऐप से पकड़ाया साइबर मास्टरमाइंड!
धनबाद साइबर थाना और कुमारधुबी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड जीतू रविदास को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। बिहार से आई शिकायत के बाद लोकेशन ट्रैक कर छापा मारा गया। पढ़िए पूरी खबर।

धनबाद की धरती पर एक बार फिर साइबर क्राइम का जिन्न बाहर निकल आया है। बुधवार को एक बेहद गोपनीय और तेज़ कार्रवाई में धनबाद साइबर थाना और कुमारधुबी ओपी की टीम ने मिलकर एक ऐसे शातिर युवक को गिरफ्तार किया है, जो बिहार से आए साइबर क्राइम की शिकायत में मुख्य आरोपी था।
गिरफ्तारी हुई है कुमारधुबी के रविदास टोला से, जहां से जीतू रविदास को उसके ही घर से धर दबोचा गया। पुलिस ने उसके पास से मोबाइल जब्त कर लिया है, और शुरुआती जांच में साफ हो चुका है कि इसी मोबाइल से प्रतिबिंब ऐप के जरिए साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था।
शिकायत से गिरफ्तारी तक का रोमांचक सफर
बिहार पुलिस को प्रतिबिंब एप पर मिली एक शिकायत से यह पूरा मामला शुरू हुआ। शिकायत में कहा गया था कि धनबाद जिले के कुमारधुबी क्षेत्र से ठगी की गतिविधियां संचालित हो रही हैं। शिकायत मिलते ही धनबाद साइबर थाना के एसआई रंजीत कुमार और विष्णु कुमार गोस्वामी हरकत में आए।
लोकेशन ट्रैकिंग तकनीक के सहारे उन्होंने आरोपी की सटीक स्थिति का पता लगाया और तुरंत कुमारधुबी ओपी प्रभारी राजेश लोहरा और एएसआई सुरेश देवगम के साथ रविदास टोला में छापा मारा।
घर में चल रहा था साइबर ठगी का नेटवर्क?
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि जीतू रविदास अपने मोबाइल से ठगी के लिंक और कॉल्स ऑपरेट करता था। कई बार वह खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से व्यक्तिगत जानकारी और बैंक डिटेल्स लेकर उन्हें चूना लगाता था।
सूत्रों के मुताबिक, जीतू के संपर्क में कई और लोग भी हो सकते हैं, जो अलग-अलग इलाकों में यही काम कर रहे हैं। साइबर डीएसपी संजीव कुमार भी मौके पर पहुंचे और पूरे ऑपरेशन को सुपरवाइज़ किया।
कौन है जीतू रविदास?
जीतू रविदास का नाम इस क्षेत्र में पहले भी छोटे-मोटे विवादों में सामने आ चुका है, लेकिन पहली बार उसका नाम एक संगठित साइबर गिरोह के रूप में जुड़ा है। पुलिस अब उसके मोबाइल की फॉरेंसिक जांच कर रही है ताकि उसके नेटवर्क की पूरी परतें खुल सकें।
पुराना केस भी आया चर्चा में
इसी दिन मैथन पुलिस ने एक पुराने मामले में बड़ी कार्रवाई की। कांड संख्या 215/21 के तहत फरार चल रहे नया नगर निवासी बटोही पासवान को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बटोही पासवान लंबे समय से फरार था और पुलिस को उसकी तलाश थी। बुधवार को उसे गिरफ्तार कर धनबाद जेल भेज दिया गया।
साइबर क्राइम की जड़ें और गहराई
झारखंड, खासकर धनबाद और गिरिडीह जैसे क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से साइबर ठगी के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। पहले जहां यह काम केवल जामताड़ा तक सीमित था, अब यह आसपास के क्षेत्रों में भी फैल चुका है।
जामताड़ा मॉडल पर चलने वाले ये साइबर ठग, अब मोबाइल ऐप, सोशल मीडिया और फर्जी कॉल के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। प्रतिबिंब ऐप जैसे प्लेटफॉर्म से मिली शिकायतों से यह भी साफ होता है कि साइबर ठग अब तकनीक का इस्तेमाल करके कानून से भी एक कदम आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस की सख्ती और अगली रणनीति
धनबाद पुलिस ने साफ किया है कि साइबर क्राइम के खिलाफ उनकी कार्रवाई अब और तेज़ होगी। जो लोग इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं, वे पुलिस की निगरानी में हैं और जल्द ही उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
धनबाद एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में विशेष साइबर सेल गठित की जा रही है जो तकनीकी उपकरणों की मदद से अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी को और तेज़ करेगी।
धनबाद में साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं न सिर्फ आम नागरिकों के लिए खतरे का संकेत हैं, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। जीतू रविदास की गिरफ्तारी इस लड़ाई की एक छोटी लेकिन अहम जीत है। लेकिन सवाल ये है कि क्या पुलिस आने वाले समय में इस नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ पाएगी? क्या जामताड़ा से उपजी ये साइबर दुनिया कभी खत्म होगी? जवाब भविष्य के गर्भ में है।
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