Jamshedpur Protest: बांग्लादेश सरकार के खिलाफ भारतीय सनातन समाज का आक्रोश मार्च, हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ फूटा गुस्सा
जमशेदपुर में भारतीय सनातन समाज ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला। प्रदर्शन में यूनूस सरकार का पुतला दहन कर भारत सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
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जमशेदपुर: Protest Against Atrocities के तहत भारतीय सनातन समाज ने रविवार को बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में लोगों ने संरक्षक शिवशंकर सिंह के नेतृत्व में आक्रोश मार्च निकालते हुए यूनूस सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज किया। यह मार्च ओल्ड केबल टाउन से शुरू होकर टिनप्लेट चौक तक निकाला गया, जिसमें बैनर और पोस्टर लिए हुए प्रदर्शनकारी शामिल थे।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार
हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार ने भारतीय सनातन समाज और अन्य हिंदू संगठनों को आंदोलित कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी विफलता अस्वीकार्य है।
इतिहास में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का इतिहास पुराना है। 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हिंदू समुदाय को भारी हिंसा का सामना करना पड़ा था। लेकिन, 21वीं सदी में भी इन घटनाओं का जारी रहना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है।
शिवशंकर सिंह का बयान
प्रदर्शन के दौरान भारतीय सनातन समाज के संरक्षक शिवशंकर सिंह ने कहा, "हिंदुओं पर अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर हो चुका है। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि बांग्लादेश पर दबाव बनाएं और जरूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप करें।" उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता जताना हर भारतीय का कर्तव्य है।
आक्रोश मार्च में दिखा जनसैलाब
आक्रोश मार्च में महिलाएं, पुरुष, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए "हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो" और "यूनूस सरकार होश में आओ" जैसे नारे लगाए। यह मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर गुस्सा जाहिर किया।
सरकार से तीन बड़ी मांगें
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर तत्काल रोक लगाई जाए।
- अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
- यदि जरूरी हो, तो भारत सरकार सैन्य हस्तक्षेप करने से भी पीछे न हटे।
प्रमुख लोग रहे शामिल
इस धरना-प्रदर्शन में अजय सिन्हा, राजीव कुमार, पूनम रेड्डी, बबली सोनम, वरुण कुमार और जीतू सिंह समेत कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं।
क्या कहती है अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना का विषय बन चुका है। कई मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश सरकार की निंदा की है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
शांति और एकजुटता का संदेश
प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर यह संदेश दिया कि वे न केवल हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि शांति और एकता के माध्यम से समाज को जागरूक करना चाहते हैं।
भारतीय सनातन समाज के इस आक्रोश मार्च ने यह साबित कर दिया कि जब भी समाज के एक वर्ग पर अत्याचार होगा, तो पूरा देश एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होगा। यह प्रदर्शन न केवल बांग्लादेश सरकार के लिए चेतावनी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इन घटनाओं पर ध्यान देने का संदेश देता है।
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