Jamshedpur Poetry: मरीन ड्राइव पर कवियों और कलाकारों का महासम्मेलन, जानें क्या रहा खास
जमशेदपुर के मरीन ड्राइव पर ब्रह्माकुमारी संस्थान में कवि सम्मेलन और कलाकार महासम्मेलन का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम ने साहित्य और कला को समाज से जोड़ने का प्रयास किया।
जमशेदपुर: मरीन ड्राइव स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय संस्थान ने रविवार को कला और साहित्य के अद्वितीय संगम का गवाह बना। Poetry and Artist Meet के इस भव्य आयोजन में केवल जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि पूरे कोल्हान के प्रतिभाशाली कलाकार और कवि शामिल हुए। इस सम्मेलन ने साहित्य और कला के माध्यम से समाज में परिवर्तन और जागरूकता का संदेश दिया।
कविता: समाज का दर्पण और मार्गदर्शक
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कविता और कला के महत्व को उजागर करना था। ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रवक्ताओं ने कहा, “कविता केवल समाज का दर्पण ही नहीं, बल्कि उसका मार्गदर्शक भी होती है। जब भी समाज में क्रांति का आगाज हुआ है, कवियों और साहित्यकारों ने उसमें अहम भूमिका निभाई है।”
कलाकारों का महासम्मेलन: संस्कृति का महाकुंभ
इस कार्यक्रम में कोल्हान क्षेत्र के कलाकारों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। चित्रकार, नृत्यांगना, गायक और रंगमंच के कलाकारों ने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीत लिया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया।
इतिहास और कला का संगम
झारखंड की सांस्कृतिक परंपरा में कला और साहित्य का अहम स्थान है। राज्य में साहित्यिक गतिविधियों का इतिहास वर्षों पुराना है। विशेष रूप से कोल्हान क्षेत्र ने कई प्रतिभाशाली कवियों और कलाकारों को जन्म दिया है। इस सम्मेलन ने उस गौरवशाली परंपरा को नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत किया।
विशेष प्रस्तुतियां और कवियों का संदेश
कवियों ने अपनी रचनाओं के जरिए समाज के ज्वलंत मुद्दों पर प्रकाश डाला। कुछ कविताओं ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया, तो कुछ ने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समानता का संदेश दिया।
- कवि सुनील तिवारी की "धरती का पुकार" ने दर्शकों को झकझोर दिया।
- वहीं, शीतल देवी की "नई सुबह" ने हर दिल में उम्मीद की किरण जगाई।
समाज को जोड़ने की पहल
इस आयोजन का उद्देश्य केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था, बल्कि यह कला और साहित्य को समाज से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास था। ब्रह्माकुमारी संस्थान की इस पहल को सभी ने सराहा।
कलाकारों की आवाज़ को मंच
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे ऐसे आयोजनों से उन्हें प्रोत्साहन मिलता है और उनकी कला को पहचान मिलती है।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर कदम
झारखंड में इस तरह के आयोजनों का बढ़ता प्रचलन राज्य में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संकेत देता है। यह न केवल प्रतिभाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज को एकजुट करने का भी कार्य करता है।
भविष्य की योजनाएं
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय संस्थान के आयोजकों ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य कला और साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाना होगा।
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