रविवार की शाम सरायकेला-चाईबासा मार्ग पर रफ्तार का खौफनाक मंजर देखने को मिला। टंगरानी के पास एक तेज रफ्तार केटीएम बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खेत में जा गिरी। इस हादसे में बाइक सवार युवक श्याम सुंदर हेंब्रम (26) गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि बाइक की रफ्तार इतनी अधिक थी कि वह सीधे खेत में जा घुसी और युवक सड़क से कई फीट दूर जाकर गिरा।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा रविवार शाम करीब 5:30 बजे हुआ। घायल युवक बिरसा चौक का रहने वाला था और किसी जरूरी काम से चाईबासा की ओर जा रहा था। लेकिन टंगरानी के पास पहुंचते ही उसकी तेज रफ्तार केटीएम बाइक संतुलन खो बैठी और सड़क किनारे खेत में जा गिरी। इस भीषण हादसे में युवक के चेहरे और शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत युवक की मदद की और उसे एंबुलेंस से सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, उसकी हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया।
तेज रफ्तार और सड़क हादसे: एक बड़ी चिंता
सरायकेला-चाईबासा मार्ग पर तेज रफ्तार के कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। खासकर केटीएम जैसी हाई-स्पीड बाइकों का उपयोग करने वाले युवा अक्सर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण तेज गति से वाहन चलाना होता है।
केटीएम जैसी स्पोर्ट्स बाइक की रफ्तार आम बाइकों की तुलना में अधिक होती है। लेकिन कई युवा इस गति को नियंत्रित करने में असमर्थ रहते हैं, जिससे ऐसे खतरनाक हादसे होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हाई-स्पीड बाइकों को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनिंग की जरूरत होती है, लेकिन अधिकांश युवा बिना किसी प्रशिक्षण के इन बाइकों को तेज गति से चलाते हैं, जिससे हादसे का खतरा और बढ़ जाता है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
सरायकेला-चाईबासा मार्ग पर पहले भी कई बाइक हादसे हो चुके हैं। पिछले साल इसी मार्ग पर एक युवक तेज रफ्तार में बाइक चलाते हुए ट्रक से टकरा गया था, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस प्रशासन कई बार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता है, लेकिन युवा रफ्तार की दीवानगी में अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते रहते हैं।
प्रशासन को उठाने होंगे सख्त कदम
इस हादसे के बाद स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं और तेज रफ्तार वाहनों पर सख्ती बरती जाए। पुलिस को भी चाहिए कि हाई-स्पीड बाइकों पर विशेष निगरानी रखे और हेलमेट और स्पीड लिमिट का कड़ाई से पालन करवाए।
रफ्तार का जुनून या मौत का खेल?
युवाओं को समझना होगा कि सड़कें रेसिंग ट्रैक नहीं होतीं। हाई-स्पीड बाइक चलाने का शौक जानलेवा साबित हो सकता है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि अगर बाइक की गति नियंत्रित होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।