Saraikela Truck Accident: रात के अंधेरे में ट्रक की जबरदस्त टक्कर, ड्राइवर केबिन में घंटों फंसा रहा!
सरायकेला खरसावां में भोलाडीह के पास देर रात ट्रक हादसा, ड्राइवर नंदकिशोर पंडा केबिन में फंसे, पुलिस और स्थानीय लोगों ने घंटों की मशक्कत के बाद निकाला। जानिए पूरी घटना।
रात के अंधेरे में सड़कों पर दौड़ते ट्रक कभी-कभी ऐसी भयावह तस्वीरें छोड़ जाते हैं, जो हर किसी को झकझोर देती हैं। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में बुधवार की देर रात करीब 12 बजे ऐसा ही एक खौफनाक हादसा हुआ, जिसमें एक ट्रक चालक अपनी जान से तो बच गया, लेकिन मौत से बाल-बाल टकराने के बाद उसकी हालत गंभीर है।
कैसे हुआ हादसा?
मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश से पंजीकृत एक ट्रक कांड्रा की ओर जा रहा था। ट्रक में रोज़मर्रा के औद्योगिक सामान भरे हुए थे। चालक नंदकिशोर पंडा रात के सन्नाटे में तेज़ रफ्तार से अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रहे थे।
इसी बीच भोलाडीह के समीप अचानक पीछे से आ रही एक अन्य ट्रक (नंबर OD09K3125) ने तेज़ रफ्तार में आकर ज़ोरदार टक्कर मार दी। यह ट्रक लोहे की छड़ लेकर जा रहा था और टक्कर इतनी भयानक थी कि आगे चल रहे ट्रक का केबिन बुरी तरह कुचल गया।
चालक फंस गया केबिन में
टक्कर के बाद स्थिति इतनी गंभीर थी कि ट्रक का अगला हिस्सा पूरी तरह मलबे में बदल गया। चालक नंदकिशोर पंडा लोहे और टूटे हुए हिस्सों के बीच फंस गए और हिल-डुल भी नहीं पाए। उनकी चीख सुनकर आसपास मौजूद कुछ लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन ट्रक की हालत देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो गए।
पुलिस और राहत दल की एंट्री
हादसे की सूचना तुरंत सरायकेला थाना पुलिस को दी गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। लेकिन केबिन इतना दब चुका था कि नंदकिशोर को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कटिंग मशीन और लोहे के औजारों की मदद से धीरे-धीरे केबिन को काटा गया और करीब आधे घंटे की मेहनत के बाद चालक को बाहर निकाला जा सका।
चालक की हालत गंभीर
गंभीर रूप से घायल नंदकिशोर पंडा को तुरंत इलाज के लिए जमशेदपुर भेजा गया, जहां उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है। फिलहाल डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है और कहा जा रहा है कि अगर थोड़ी भी देर होती तो मामला जानलेवा हो सकता था।
हादसे की संभावित वजह
पुलिस के शुरुआती अनुमान के मुताबिक, पीछे से आ रहे ट्रक की रफ्तार बेहद तेज़ थी और ड्राइवर ने समय पर ब्रेक नहीं लगाया। इसके अलावा, रात में हाईवे पर रोशनी की कमी और भारी वाहन के अचानक पास आने से यह टक्कर टल नहीं पाई।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि टक्कर से ठीक पहले पीछे वाले ट्रक का चालक फोन पर बात कर रहा था, जिससे उसका ध्यान सड़क पर नहीं था। हालांकि, पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है और मामले की जांच जारी है।
स्थानीय लोगों की नाराज़गी
इस घटना के बाद इलाके के लोगों ने हाईवे पर ट्रकों की तेज़ रफ्तार और सड़क सुरक्षा के अभाव को लेकर नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि रात में ट्रक चालक अक्सर नियमों की अनदेखी करते हैं और हाईवे को मानो रेसिंग ट्रैक बना देते हैं।
ऐसे हादसे क्यों होते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, हाईवे पर होने वाले ऐसे हादसों के पीछे कई कारण होते हैं—
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ट्रक चालकों की लंबी ड्यूटी और थकान
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समय बचाने के लिए ओवरस्पीड
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सड़क पर रोशनी और संकेतकों की कमी
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वाहन की तकनीकी खराबी
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और कभी-कभी नशे या मोबाइल फोन का इस्तेमाल
सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल
यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा मानकों को लेकर अभी भी गंभीर खामियां हैं। खासकर रात के समय बड़े वाहनों की निगरानी और रफ्तार पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू करने की ज़रूरत है।
सरायकेला का यह हादसा सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि चेतावनी है कि सड़क पर लापरवाही पल भर में जिंदगी और मौत के बीच की दूरी तय कर देती है। हादसे के बाद पुलिस ने दोनों ट्रकों को ज़ब्त कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
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