शर्मनाक! जमशेदपुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की बदहाल स्थिति, विधायक सरयू राय ने वीडियो शेयर कर उठाई आवाज़

विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रावास की दुर्दशा का वीडियो शेयर किया। पत्र लिखकर राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से हॉस्टल की मरम्मत के लिए विशेष निधि की मांग की।

Sep 18, 2024 - 18:14
Sep 18, 2024 - 18:35
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शर्मनाक! जमशेदपुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की बदहाल स्थिति, विधायक सरयू राय ने वीडियो शेयर कर उठाई आवाज़
शर्मनाक! जमशेदपुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की बदहाल स्थिति, विधायक सरयू राय ने वीडियो शेयर कर उठाई आवाज़

जमशेदपुर, 18 सितम्बर 2024 – जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को पत्र लिखकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर के छात्रावास की दुर्दशा का वीडियो साझा किया है। इसमें कॉलेज के हॉस्टल की खस्ता हालत को साफ़ तौर पर दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में रांची के रिम्स के बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज दूसरा सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है। यहाँ सिर्फ़ नीट की परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले मेधावी छात्रों को ही प्रवेश मिलता है।

सरयू राय ने अपने पत्र में कहा कि मेधावी छात्र बेहद बुरी स्थिति में छात्रावास में रहने को मजबूर हैं। हॉस्टल की हालात इतनी खराब है कि इसकी तस्वीरें वीडियो में साफ़ देखी जा सकती हैं। उन्होंने इसे शर्मनाक बताया और कहा कि छात्रों को ऐसी अमानवीय परिस्थितियों में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

सरयू राय ने कहा कि छात्रों ने अपनी परेशानियों को लेकर कई बार आवाज़ उठाई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक, सभी से अपील की गई है। लगभग एक साल पहले स्वास्थ्य मंत्री ने हॉस्टल का निरीक्षण भी किया था और मरम्मत का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। राय ने वीडियो में दिखाया है कि मंत्री ने सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें की और ठोस कदम नहीं उठाए।

ग़ौरतलब है कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में आता है। इसके बावजूद हॉस्टल की हालत बेहद खराब है। सरयू राय ने वित्त मंत्री से निवेदन किया है कि एमजीएम हॉस्टल की मरम्मत के लिए विशेष निधि का प्रावधान किया जाए ताकि छात्रों को बेहतर माहौल मिल सके।

सरयू राय ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी समय हो सकती है, और विधानसभा का सत्र अब संभव नहीं है। बजट पहले ही पारित हो चुका है, इसलिए सरकारी खजाने से सीधे निधि मिलना मुश्किल है। उन्होंने सुझाव दिया कि या तो आकस्मिक निधि से खर्च का प्रावधान किया जाए या फिर अप्रयुक्त राशियों को हॉस्टल की मरम्मत के लिए स्थानांतरित किया जाए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।