Ranchi Court : हेमंत सोरेन को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने 8 हफ्ते तक रोकी कार्रवाई!
झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन को बड़ी राहत! 10 साल पुराने आचार संहिता उल्लंघन केस में कोर्ट ने 8 हफ्तों तक रोक लगाई, पढ़ें पूरी खबर।
रांची: झारखंड हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े 10 साल पुराने मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद होगी। दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ किसी भी पीड़क (दंडात्मक) कार्रवाई पर रोक जारी रखी है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2014 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है, जब हेमंत सोरेन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था। आरोपों के मुताबिक, चुनावी प्रचार के दौरान उन्होंने नियमों का पालन नहीं किया, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। यह मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले की निचली अदालत में चल रहा है। हेमंत सोरेन ने इस केस को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी।
कोर्ट में क्या हुआ?
गुरुवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय देने का अनुरोध किया। जस्टिस ए.के. चौधरी की पीठ ने इसे स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद करने का आदेश दिया। साथ ही, कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि तब तक हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी।
10 साल पुराना मामला अब तक क्यों चल रहा है?
यह सवाल बेहद अहम है कि एक दशक पुराना मामला अब तक लंबित क्यों है। भारत में राजनीतिक नेताओं पर लगे मामलों की सुनवाई अक्सर लंबी खिंचती है, और कई बार कानूनी प्रक्रिया में देरी का फायदा नेताओं को मिलता है। झारखंड की राजनीति में भी ऐसा पहले हो चुका है। 2014 में दर्ज हुआ यह मामला अब 2024 में भी चर्चा में है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कानूनी प्रक्रियाओं के चलते राजनेताओं के केस लंबित रहते हैं।
क्या कह रहे हैं हेमंत सोरेन?
हेमंत सोरेन का कहना है कि उन्होंने किसी भी प्रकार से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था। उनका दावा है कि वे अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहे थे, और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द किया जाए।
झारखंड की राजनीति पर असर?
झारखंड में 2024 के आम चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह मामला काफी महत्वपूर्ण हो गया है। अगर हेमंत सोरेन को इस केस में राहत मिलती है, तो यह उनकी राजनीतिक छवि को मजबूत कर सकता है। वहीं, अगर मामले में कोई बड़ा फैसला आता है, तो यह झारखंड की राजनीति में हलचल मचा सकता है।
अब आगे क्या?
- कोर्ट की अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी, तब तक हेमंत सोरेन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
- राज्य सरकार को इस दौरान अपना जवाब दाखिल करना होगा।
- अगर एफआईआर रद्द नहीं होती है, तो मुकदमा आगे भी लंबा चल सकता है।
हेमंत सोरेन को फिलहाल इस मामले में राहत मिल गई है, लेकिन कानूनी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। झारखंड हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक तो लगा दी है, लेकिन मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। अब सभी की नजरें आने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि क्या यह केस खत्म होगा या फिर मुकदमा आगे बढ़ेगा।
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