क्या आपके शहर में भी नशे का आतंक बढ़ रहा है? जानिए जमशेदपुर की चौंकाने वाली सच्चाई!
क्या आपके शहर में भी नशे का आतंक बढ़ रहा है? जानिए जमशेदपुर की चौंकाने वाली सच्चाई!
जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत को मजबूत बनाने की दिशा में काम हो सकती है, वह आज नशे के दलदल में डूबती जा रही है। जमशेदपुर में ड्रग तस्कर का जाल काफी तेजी से फैलता जा रहा है, जो कि युवा पीढ़ी के लिए बेहद घातक साबित हो रहा है। ब्राउन शुगर, कोकीन, गांजा और ब्लैक स्टोन की लत युवाओं को खोखला करने के साथ-साथ अपराध की दुनिया की ओर धकेल रही है। इसके साथ ही युवाओं को मानसिक रूप से भी बीमार कर रही है। ब्राउन शुगर और सूखा नशा का कारोबारी काफी तेजी से अपना पैर पसार रहे हैं।
ब्राउन शुगर का बढ़ता खतरा
ब्राउन शुगर का नशा नासूर बनता जा रहा है। इस रैकेट का नेटवर्क तोड़ने में यहां की कोई भी एजेंसी कामयाब नहीं हो पा रही है। पुलिस की ओर से लगातार अभियान चलाया जाता है। कुछ पैडलरों की गिरफ्तारी भी होती है, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद पैडलर जेल से बाहर आकर फिर से वहीं कारोबार में लग जाता है।
पुलिस की सक्रियता और सफलता
लोकसभा चुनाव के दौरान जिले पुलिस की ओर से नशे के खिलाफ अभियान चलाया गया था। पुलिस ने जिले में कई जगहों पर चेकनाका लगाकर तीन माह में 51.68 ग्राम ब्राउन शुगर और 99.713 किलो ग्राम गांजा बरामद किया था। साथ ही अभियान के दौरान एनडीपीएस एक्ट के तहत 43 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। ऐसे में अगर पुलिस की ओर से लगातार अभियान चलाया जाए तो ब्राउन शुगर के कारोबार पर काफी हद तक रोक लग सकती है।
शहर में सक्रिय पैडलर, महिलाओं की भागीदारी
शहर में ब्राउन शुगर, चरस, गांजा की पुड़िया बनाकर बेचने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। सभी गिरोह के लोग अलग-अलग क्षेत्रों में पैडलर के रूप में काम करते हैं। इन पैडलरों की टीम में अब महिलाएं और युवतियों को भी शामिल किया गया है। हर दिन पैडलर को ब्राउन शुगर की पुड़िया बेचने के लिए दिया जाता है। ब्राउन शुगर की एक पुड़िया 300 से 500 रुपये में बेची जाती है। इस तरह शहर में नशीले पदार्थों की बिक्री जोरों से की जा रही है। महिला और युवतियों पर पुलिस को शक नहीं हो पाता है, इस कारण से तस्करों ने पैडलर के रूप में महिलाओं को भी शामिल किया है।
नशे के लिए रुपये नहीं होने पर अपराध
नशे की लत लगने के कारण युवा वर्ग खराब होता जा रहा है। नशे की तड़प होने और रुपये नहीं होने के कारण युवा वर्ग अपराध कर रहे हैं। चोरी-छिनतई की घटना में गिरफ्तार होने के बाद अपराधियों के स्वीकारोक्ति बयान में ये बातें सामने आयी थी कि नशा करने के लिए वे लोग चोरी और छिनतई की घटना को अंजाम देते हैं। चोरी-छिनतई के बाद सामान को वे लोग सस्ते दाम पर बेचकर उस रुपये से नशा करते हैं। नशे के कारण कई घर बर्बाद हो चुके हैं। जिन युवाओं को नशे की लत लग जाती है और जब उनके पास पैसा नहीं होता है, तो वे अपराध की ओर रुख करने से भी नहीं हिचकाते हैं। छिनतई की घटनाओं को अंजाम देने में अधिकांश युवा नशे के आदि होते हैं।
नशे के प्रमुख केंद्र
सिदगोड़ा, सीतारामडेरा, परसुडीह में नशे का कारोबार
जमशेदपुर शहर के सिदगोड़ा और सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में ब्राउन शुगर और गांजा का सबसे ज्यादा पैडलर सक्रिय हैं। चुनाव के दौरान तीन माह में सिदगोड़ा और सीतारामडेरा से नौ लोगों की गिरफ्तारी की गई। सीतारामडेरा थाना क्षेत्र से तीन माह में करीब 60 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया था। बताया जाता है कि सीतारामडेरा और सिदगोड़ा थाना क्षेत्र से ही महिला पैडलर को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। वहीं हाल के दिनों की बात करें तो नशा का कारोबार परसुडीह के गाड़ीवान पट्टी, किताडीह में तेजी से फैल रहा है। इसके अलावा जुगसलाई के कई क्षेत्रों में पैडलर सक्रिय होकर कारोबार कर रहे हैं।
ब्राउन शुगर का कारोबार
सीतारामडेरा, भुइयांडीह, लिट्टी चौक, सिदगोड़ा, संडे मार्केट बिरसानगर, टेल्को, परसुडीह, किताडीह में ब्राउन शुगर का कारोबार सक्रिय है।
What's Your Reaction?