Jamshedpur Rural Accident : गालूडीह के पास बाइक सवार युवकों को अज्ञात वाहन ने मारी जोरदार टक्कर, एक की हालत गंभीर!
गालूडीह के पास बुलेट बाइक सवार दो युवकों को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, जिसमें एक की हालत गंभीर। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने 108 एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजा। पढ़ें पूरी खबर!
शनिवार शाम झारखंड के गालूडीह (घुटिया) इलाके में एक रहस्यमयी और भयावह सड़क हादसा हुआ, जिसमें दो बाइक सवार युवकों को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। बांधडीह के श्यामल विषई और सालबनी के सपन गिरी नामक ये दोनों युवक बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार होकर नारगा से अपने घर की ओर लौट रहे थे। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और इसने सड़क सुरक्षा और अज्ञात वाहनों की समस्या को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
रात के अंधेरे में कैसे हुआ यह खतरनाक हादसा?
झारखंड के कई इलाकों में रात के समय सड़कें अपेक्षाकृत सुनसान हो जाती हैं, लेकिन साथ ही इन सड़कों पर गति का नियम और सुरक्षा का अभाव भी अक्सर देखने को मिलता है। गालूडीह-घुटिया मार्ग की यह घटना भी इसी कड़ी का हिस्सा लगती है। जानकारी के अनुसार, दोनों युवक शाम के समय बुलेट बाइक पर घर की ओर लौट रहे थे। गालूडीह के पास की सड़क पर उनकी बुलेट को सामने से आए एक अज्ञात वाहन ने इतनी तेज गति से टक्कर मारी कि वे सड़क किनारे गिर पड़े और बुरी तरह घायल हो गए।
अज्ञात वाहन का सुराग नहीं, सवालों के घेरे में सड़क सुरक्षा
हादसे के बाद स्थानीय लोग घटनास्थल पर जमा हो गए, लेकिन अब तक उस अज्ञात वाहन का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। घटनास्थल पर टायरों के निशान और बिखरा हुआ तेल ही हादसे की कहानी बयां कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर रात में अक्सर बड़े वाहनों की तेज गति के चलते हादसे होते हैं। कुछ चश्मदीदों ने बताया कि टक्कर मारने वाला वाहन संभवतः एक तेज रफ्तार ट्रक या कार था, लेकिन अंधेरे की वजह से उसे पहचाना नहीं जा सका।
108 एंबुलेंस और एमजीएम अस्पताल में इलाज की कोशिशें
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को कॉल किया और घायलों को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने श्यामल विषई की स्थिति को नाजुक बताया है, और उनके इलाज के लिए विशेष चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है। वहीं, सपन गिरी की हालत भी गंभीर बनी हुई है, लेकिन वे श्यामल की तुलना में बेहतर हैं। घटना के बाद दोनों के परिवारों को सूचित किया गया और अस्पताल में परिवार वालों का जमावड़ा लग गया।
ऐसे हादसों का बढ़ता ट्रेंड और इतिहास
गालूडीह इलाके में हादसों का यह पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ सालों में इस मार्ग पर कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें अज्ञात वाहनों द्वारा दुर्घटना का शिकार बनाए गए कई लोगों की जान चली गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका काफी घना और रात में सुनसान हो जाता है, जिससे अज्ञात वाहन चालक यहां तेजी से वाहन चलाने की कोशिश करते हैं और हादसों का कारण बनते हैं।
इस मार्ग की सुरक्षा को लेकर लंबे समय से मांग उठाई जाती रही है कि यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और गति सीमा का सख्ती से पालन कराया जाए, लेकिन इन मांगों पर अभी तक प्रशासन का ध्यान नहीं गया है। गालूडीह-घुटिया मार्ग में अंधेरा और गति का नियंत्रण ना होना, दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बना हुआ है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश, उठाई सुरक्षा की मांग
हादसे के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर अज्ञात वाहनों की गति पर नियंत्रण नहीं किया गया तो भविष्य में और भी गंभीर हादसे हो सकते हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गालूडीह-घुटिया मार्ग पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए, गति सीमा लागू की जाए और रोड सुरक्षा उपकरण लगाए जाएं ताकि आने वाले समय में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही इस मार्ग की सुरक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए तो वे खुद सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
ऐसे घटनाएं झारखंड में सड़कों की सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती हैं। गालूडीह-घुटिया मार्ग पर हुए इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि कब तक अज्ञात वाहन चालक निर्दोष लोगों की जान से खेलते रहेंगे। क्या प्रशासन इस हादसे से कुछ सीख लेकर सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा?
What's Your Reaction?