Golmuri Bhagwat Katha: भागवत कथा में कृष्ण की बाल लीला और गोवर्धन पूजा का अद्भुत प्रसंग, भक्तों ने अनुभव किया दिव्य आनंद!
जमशेदपुर के गोलमुरी में भागवत कथा के पंचम दिन कृष्ण भगवान की बाल लीला का रसपान और गोवर्धन पूजा का अद्भुत आयोजन हुआ। जानिए, कैसे भक्तों ने भक्ति रस में गोता लगाया।
जमशेदपुर, 14 दिसंबर 2024: गोलमुरी स्थित जोगार्स पार्क में चल रही भागवत कथा के पंचम दिन, कृष्ण भगवान की बाल लीला का दिव्य रसपान भक्तों ने किया। इस दिन का आयोजन धार्मिक श्रद्धा और भक्ति से भरपूर था, जिसमें कथावाचक पंडित पवन कृष्ण गौतम ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को भक्तों के बीच प्रस्तुत किया। कथा में कृष्ण भगवान के जीवन से जुड़ी कथाएं भक्तों को भक्ति के गहरे रस में डुबोने वाली थीं।
कृष्ण की बाल लीला और पूतना वध
कथा के इस विशेष दिन में कृष्ण भगवान की बाल लीला का शानदार चित्रण किया गया, जिसमें भगवान ने पूतना का वध किया। कथावाचक ने बताया कि कैसे पूतना ने कृष्ण को जहर मिला हुआ दूध पिलाने का प्रयास किया, लेकिन भगवान की दिव्य शक्ति के कारण उसे न केवल जीवनदान मिला बल्कि उसका उद्धार भी हुआ। इस कथानक ने भक्तों के दिलों को छुआ और एक नई भक्ति ऊर्जा का संचार किया।
इसके बाद, कथा में कृष्ण के माखन चोरी की लीला का भी सुंदर वर्णन हुआ, जिसमें कृष्ण की नटखट मस्ती और बचपन के शरारतों ने सभी भक्तों का मन मोह लिया। झांकी के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की बाल अवस्था से लेकर गाय चराने और दोस्तों संग हंसी-ठिठोली तक की लीला को दर्शाया गया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।
गोवर्धन पूजा का अद्भुत आयोजन
गोवर्धन पूजा का आयोजन भी इस दिन हुआ, जिसमें श्याम ने इंद्रदेव के अहंकार को तोड़ा और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विधिवत आयोजन किया। इस दौरान, भक्तों ने गोवर्धन महराज को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य किया।
भक्ति रस में डूबे भक्त, नृत्य करते हुए
कथा के दौरान भजनों की मधुर ध्वनि ने वातावरण को और भी भक्ति-रस से भर दिया। भक्तों ने इन भजनों पर नृत्य करते हुए आनंद लिया और खुद को भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में डूबो दिया। पंडित पवन कृष्ण गौतम ने बताया कि भगवान की स्तुति और भजन करते हुए ही हम जीवन में मुक्ति पा सकते हैं, और इस यात्रा में गुरु की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बिना गुरु के न भक्ति होती है और न ही भगवान का दर्शन संभव है। गुरु के बिना, कोई भी सही मार्ग पर नहीं चल सकता, और यही कारण है कि हमारे जीवन में एक गुरु का होना आवश्यक है।
विशेष मेहमानों और जजमानों का स्वागत
इस दिव्य अवसर पर, कमल किशोर जी (पूर्व डीएसपी), भा.ज.पा नेता बबुआ सिंह, नकुल तिवारी, कन्हैया सिंह, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और भक्ति रस में डूबकर, कथावाचक के समक्ष गीता का पाठ किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्य जजमानों के रूप में अप्पू तिवारी, श्वेता तिवारी, विशु सिंह, एन. शंकर, रामावतार पटवारी, अनिल गुप्ता, विधा भूषण मिश्रा, रामेश्वर कुमार, बिनोद यादव, मुन्ना श्रीवास्तव, विभा शर्मा, मीरा देवी, सीमा मिश्रा, सोनी मिश्रा, सुलेखा देवी, ममता देवी और अन्य ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई।
आध्यात्मिक यात्रा की महत्वपूर्ण बातें
इस कथा ने न केवल कृष्ण भगवान के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया, बल्कि यह भी समझाया कि आध्यात्मिकता और भक्ति में गहरी समझ और गुरु की दिशा कितनी महत्वपूर्ण है। यह दिन भक्तों के लिए आत्मज्ञान और भक्ति का एक अनमोल अवसर था, जो उनके जीवन को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
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