Jharkhand Politics : बाबूलाल मरांडी का बड़ा आरोप, हेमंत सरकार ने चुनावी वादों से किया मुकर!
जमशेदपुर पहुंचे बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया। जानिए उन्होंने क्या कहा मैय्या सम्मान योजना को लेकर।
जमशेदपुर, 14 दिसंबर 2024: भा.ज.पा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जमशेदपुर में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के बड़े भाई के श्राद्धकर्म में शिरकत की। इस मौके पर, मरांडी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और राज्य सरकार की नीतियों और चुनावी वादों पर कड़ी टिप्पणी की।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार ने चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने की बजाय अब उनसे मुकरना शुरू कर दिया है। उन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार पर आरोप लगाया कि चुनावों में मैय्या सम्मान योजना के तहत राशि बढ़ाने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक उस राशि को लाभुकों के खातों में नहीं भेजा गया।
चुनाव के जुमले और धोखा: बाबूलाल मरांडी का गंभीर आरोप
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा, "हेमंत सरकार ने चुनाव के दौरान इस योजना की राशि बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन अब तक इसका कोई सुनवाई नहीं हुआ। अब सरकार ने लाभुकों की जांच और कई दस्तावेजों की मांग करना शुरू कर दिया है, जो पूरी तरह से धोखा है। यह सारे वादे सिर्फ चुनावी जुमले थे, जिन्हें राज्य सरकार ने चुनाव खत्म होने के बाद भूलने का निर्णय लिया।"
उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के गरीबों और महिलाओं के लिए बनी थी, लेकिन सरकार ने इस वादे को एक हसीं मजाक बना दिया है। इसके साथ ही, बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार और तथ्यहीन योजनाओं के चलते जनता को काफी नुकसान हो रहा है।
संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम
श्राद्धकर्म के बाद, बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें राज्य में संगठन को और मजबूत करने का संदेश दिया। मरांडी ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि उन्हें जनता के मुद्दों पर काम करना होगा और सरकार के झूठे वादों के खिलाफ जन जागरूकता फैलानी होगी।
उन्होंने कहा, "बीजेपी का उद्देश्य सिर्फ शासन करना नहीं है, बल्कि राज्य की जनता के हित में काम करना है। हमें जनता को यह बताने की जरूरत है कि सरकार के वादे सिर्फ झूठे थे और उन्होंने चुनावी फायदे के लिए इन्हें बोला था।"
क्या है मैय्या सम्मान योजना?
मैय्या सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की गरीब महिलाओं को आर्थिक मदद प्रदान करना था, जिससे उन्हें अपने परिवार की भरण-पोषण में मदद मिल सके। इस योजना में लाभार्थियों को कुछ वित्तीय सहायता दी जानी थी, लेकिन फिलहाल यह योजना सिर्फ एक कागजी योजना बनकर रह गई है।
राज्य की राजनीति में उलझनें बढ़ती हैं
बाबूलाल मरांडी का यह आरोप हेमंत सोरेन सरकार के लिए एक बड़ा स्मरण खतरा बन सकता है, क्योंकि राज्य में आगामी चुनाव की तिथियां नजदीक हैं। अब देखना होगा कि बीजेपी इस नए मोर्चे को किस तरह से उठाती है और सरकार के खिलाफ और क्या कदम उठाती है।
क्या आपको लगता है कि हेमंत सरकार अपनी चुनावी वादों को पूरा करेगी या यह सिर्फ एक और राजनीतिक धोखा होगा? कमेंट करें और अपनी राय व्यक्त करें।
What's Your Reaction?