Lohardaga Horror: एक परिवार की खूनी दास्तान! लोहरदगा में पति, पत्नी और बच्चे का बर्बर मर्डर, डायन-बिसाही के पीछे छिपा 'संपत्ति विवाद' का खौफनाक सच
लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों—पति, पत्नी और बच्चे—की बर्बरतापूर्वक हत्या से सनसनी फैल गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दबी जुबान से ग्रामीण इस ट्रिपल मर्डर के पीछे डायन-बिसाही के आरोप में छिपे गहरे संपत्ति विवाद की बात कर रहे हैं।
झारखंड एक बार फिर बर्बरता और अंधविश्वास के गहरे अंधेरे में डूब गया है। लोहरदगा जिले के अति सुदूरवर्ती पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग गांव में बुधवार की रात एक ही परिवार के तीन सदस्यों—पति, पत्नी और मासूम बच्चे—की नृशंस हत्या कर दी गई है। इस ट्रिपल मर्डर ने न केवल पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वास्तव में इस हत्याकांड के पीछे 'डायन-बिसाही' जैसा पुरानी जड़ वाला अंधविश्वास है, या यह केवल जमीन और संपत्ति के लालच को छिपाने का एक खौफनाक ढोंग है।
इतिहास में झारखंड ने अक्सर जमीन और अधिकारों के लिए खून देखा है। लेकिन सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि आज भी आधुनिकता के इस दौर में, झारखंड के कई इलाकों में संपत्ति विवाद को छिपाने के लिए 'डायन प्रथा' का इस्तेमाल एक हथियार के रूप में होता है। केकरांग गांव का यह दर्दनाक हादसा भी इसी पैटर्न की ओर इशारा कर रहा है।
मर्डर का पर्दा, 'डायन-बिसाही' का आरोप
गांव में एक साथ तीन लोगों की हत्या से लोग हैरान हैं और पूरे क्षेत्र में गहरा दहशत का माहौल है। फिलहाल हत्या के सही कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है और ग्रामीण खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
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फुसफुसाहट में सच: स्थानीय लोगों के बीच चल रही दबी जुबान की चर्चा के अनुसार, यह ट्रिपल मर्डर सीधा 'संपत्ति विवाद' से जुड़ा हुआ है। हत्यारों ने जमीन या पारिवारिक विवाद को खत्म करने के लिए इस परिवार पर 'डायन-बिसाही' का आरोप लगाया और तीनों को बेरहमी से मार डाला।
यह तथ्य कि पति, पत्नी और मासूम बच्चे तीनों को मारा गया है, यह दिखाता है कि हत्यारों का मकसद परिवार के वंश को ही खत्म कर देना था। इससे संपत्ति पर अधिकार जमाने की बात और भी मजबूत हो जाती है।
पुलिस जांच में जुटी, एक महिला से पूछताछ
घटना की सूचना मिलते ही किस्को एसडीपीओ वेदांत शंकर और पेशरार थाना के प्रभारी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गहन जांच में जुट गए।
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पूछताछ का केंद्र: पुलिस ने मामले की तह तक पहुँचने के लिए फिलहाल परिवार की ही एक महिला से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस की जांच का रुख भी संपत्ति विवाद और पारिवारिक रंजिश की ओर हो सकता है।
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पुलिस का आश्वासन: पुलिस ने गांववालों और मीडिया को आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस जघन्य हत्याकांड के राज पर से पर्दा उठाया जाएगा और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
झारखंड सरकार के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती है। जहां एक तरफ विकास की बात होती है, वहीं दूसरी तरफ अंधविश्वास की आड़ में किए जा रहे जघन्य अपराध राज्य की छवि को धूमिल करते हैं। जरूरत है कि पुलिस सिर्फ अपराधियों को ही नहीं, बल्कि इस दोषपूर्ण मानसिकता को भी जड़ से समाप्त करने की दिशा में काम करे।
आपकी राय में, झारखंड में 'डायन बिसाही' के नाम पर होने वाली हत्याओं को रोकने के लिए पुलिस कार्रवाई के अलावा कौन से दो सामाजिक सुधार सबसे ज्यादा जरूरी हैं?
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