Odisha Transformation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रखेंगी तीन नई रेल लाइनों की आधारशिला
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन नई रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखकर ओडिशा और झारखंड के पिछड़े इलाकों में परिवहन, व्यापार, और विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। जानें इन परियोजनाओं के प्रभाव।
Odisha: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 7 दिसंबर 2024 को बांगरीपोसी, ओडिशा से दक्षिण पूर्व रेलवे की तीन महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगी। ये नई रेल लाइनें परिवहन को सुलभ बनाने, व्यापार बढ़ाने और सामाजिक-आर्थिक सुधार लाने में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी।
तीन महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं
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बदामपहाड़-केन्दुझरगढ़ नई रेल लाइन (82 किमी):
यह परियोजना मयूरभंज और केन्दुझर जिलों को जोड़ते हुए 2106 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी। -
बांगरीपोसी-गोरुमहिसानी नई रेल लाइन (86 किमी):
2549 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना पूरी तरह से मयूरभंज जिले को कवर करेगी। -
बुरमारा-चकुलिया नई रेल लाइन (60 किमी):
मयूरभंज और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिलों को जोड़ने वाली यह रेल लाइन 1639 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी।
इतिहास से सीख लेकर भविष्य का निर्माण
ओडिशा में रेल परिवहन का इतिहास 19वीं सदी के अंत में शुरू हुआ, जब खनिज संपन्न इलाकों में औद्योगिक कनेक्टिविटी की आवश्यकता महसूस की गई। लेकिन समय के साथ, इन क्षेत्रों में रेल सेवाओं की पहुंच में कमी देखी गई, जिससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों का विकास बाधित हुआ। अब, इन परियोजनाओं के माध्यम से वह ऐतिहासिक कमी पूरी होने जा रही है।
विकास के लिए नई राहें
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव:
- आर्थिक सुधार: इन रेल परियोजनाओं से खनिज-समृद्ध क्षेत्रों में माल ढुलाई की संभावनाएं बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय उद्योगों को नई गति मिलेगी।
- रोजगार के अवसर: परियोजनाओं के निर्माण और उसके बाद परिचालन में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं: नए रेल नेटवर्क से स्थानीय लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी।
व्यापार और औद्योगिक लाभ:
मयूरभंज और केन्दुझर जिले खनिज भंडारों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन क्षेत्रों में नई रेल लाइनों से खनिजों का परिवहन सुगम होगा और औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय लोगों के लिए वरदान
मयूरभंज और केन्दुझर के ग्रामीण इलाकों में अभी तक रेल सेवाओं का अभाव रहा है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से स्थानीय निवासियों को पहली बार रेल परिवहन का लाभ मिलेगा। यह न केवल उनकी यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि समय और धन की बचत भी करेगा।
पर्यावरणीय प्रभाव और सावधानी
परियोजनाओं के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। खनिज-समृद्ध इलाकों में काम करते समय हरियाली और जल स्रोतों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भविष्य का सपना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा रखी जाने वाली यह आधारशिला न केवल एक भौतिक संरचना की शुरुआत है, बल्कि ओडिशा और झारखंड के पिछड़े इलाकों के लिए विकास, कनेक्टिविटी और आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखने का प्रयास है।
इन तीन नई रेल परियोजनाओं से न केवल परिवहन में सुधार होगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की लहर भी दौड़ेगी। ओडिशा और झारखंड के ये क्षेत्र अब विकास के नक्शे पर तेज गति से आगे बढ़ेंगे।
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