Potka Meeting: रामनवमी और ईद को लेकर प्रशासन अलर्ट, शांति समिति बैठक में लिए गए अहम फैसले!
पोटका थाना परिसर में रामनवमी और ईद को लेकर शांति समिति की बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।

पोटका में रामनवमी और ईद को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। बुधवार को पोटका थाना परिसर में आयोजित शांति समिति की बैठक में प्रशासन और आखड़ा कमेटी के सदस्यों ने त्योहारों के शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर कई अहम फैसले लिए।
बैठक की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) अरुण कुमार मुंडा ने की।
इस दौरान थाना प्रभारी रवि होनहागा, सब-इंस्पेक्टर कुंदन वर्मा, मुखिया सुकलाल सरदार समेत विभिन्न आखड़ा समितियों के सदस्य मौजूद थे।
रामनवमी और ईद – सौहार्द और सुरक्षा की बड़ी चुनौती!
हर साल रामनवमी और ईद पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और नागरिक सड़कों पर उतरते हैं। ऐसे में कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में देशभर में त्योहारों के दौरान कई जगहों पर सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं देखने को मिली हैं, इसलिए प्रशासन इस बार कोई भी चूक नहीं करना चाहता।
प्रशासन ने क्या फैसले लिए? जानें बैठक की अहम बातें
रामनवमी जुलूस को लेकर आखड़ा कमेटियों से पूरी जानकारी ली गई।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जुलूस के दौरान मेडिकल टीम उपलब्ध कराने की मांग की गई।
बी.डी.ओ. अरुण कुमार मुंडा ने साफ कहा कि –
जुलूस तय मार्ग और समय के अनुसार ही निकलेगा।
शराब पीकर किसी को भी जुलूस में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी।
कोई भी करतबबाज घातक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा।
अगर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करता है तो प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
सोशल मीडिया पर भी प्रशासन की पैनी नजर!
आज के डिजिटल युग में अफवाहें तेजी से फैलती हैं, इसलिए प्रशासन सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखेगा।
किसी भी भ्रामक पोस्ट, वीडियो या गलत संदेश फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने जनता से अपील की कि यदि उन्हें कोई संदिग्ध जानकारी मिलती है, तो तुरंत इसकी सूचना दें।
आखड़ा कमेटी और प्रशासन – मिलकर बनाएंगे शांतिपूर्ण माहौल!
रामनवमी के जुलूस और पूजा के दौरान माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए प्रशासन ने आखड़ा कमेटी को भी जिम्मेदारी दी है।
कमेटी को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी तरह का विवाद न हो और सभी नियमों का पालन किया जाए।
बैठक में कौन-कौन मौजूद था?
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई गणमान्य लोग शामिल हुए –
ग्राम प्रधान उत्तम कुमार सिंह
निरुपम भगत, अमल रंजन सरदार, अंकन पालित
रिक चट्टोपाध्याय, विशाल राय, शंकर मुंडा
राम महाली, चिरंजीत भगत, राजकुमार मुंडा
मृगांक मंडल, विरधान मंडल, निपेन मंडल आदि।
इतिहास से सीख – क्यों जरूरी है त्योहारों में शांति बनाए रखना?
भारत में धार्मिक त्योहारों के दौरान कई बार असामाजिक तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की है।
1947 के बंटवारे से लेकर 1992 के बाबरी मस्जिद विवाद और 2002 के गुजरात दंगों तक, धार्मिक असहिष्णुता के कारण कई निर्दोष लोग मारे गए।
इसलिए प्रशासन अब और भी सतर्क है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि कोई अप्रिय घटना न हो।
क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी?
"रामनवमी और ईद दोनों महत्वपूर्ण त्योहार हैं। इन्हें शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाना हमारी जिम्मेदारी है। प्रशासन 24 घंटे आपकी सेवा में खड़ा है।" – BDO अरुण कुमार मुंडा
"हमारी पूरी टीम नजर रखेगी कि कोई भी असामाजिक तत्व माहौल खराब न कर सके। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।" – थाना प्रभारी रवि होनहागा
आगे क्या? प्रशासन की कड़ी निगरानी जारी!
रामनवमी और ईद के दौरान सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
प्रशासन गश्त करेगा और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेगा।
हर इलाके में पुलिस की पेट्रोलिंग होगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
शांति और सौहार्द बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी!
रामनवमी और ईद दोनों ही प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। ऐसे में हमें भी प्रशासन का सहयोग करना चाहिए और त्योहारों को शांति से मनाना चाहिए।
अगर आप कोई भी संदिग्ध गतिविधि देखें, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आइए, मिलकर त्योहारों को उल्लासपूर्ण और सुरक्षित बनाएं!
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