Jamshedpur Inspection: जमशेदपुर में डीसी अनन्य मित्तल का औचक निरीक्षण, सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार के कड़े आदेश!
जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने टाटा लीज, खेल एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। कार्यालय में मिली कमियों पर सख्त निर्देश जारी किए गए।

जमशेदपुर में सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और प्रभावी संचालन को लेकर उपायुक्त अनन्य मित्तल एक्शन मोड में आ गई हैं। उन्होंने टाटा लीज, खेल एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालय के रिकॉर्ड्स, उपस्थिति पंजी और कार्य संस्कृति की गहन जांच की।
कार्यालय में मिली अनियमितताओं पर सख्त रुख अपनाते हुए, दस्तावेजों को अद्यतन रखने और कार्यों को समय पर निष्पादित करने के निर्देश दिए।
सरकारी कार्यालयों की कार्यशैली पर डीसी की पैनी नजर!
क्या सरकारी कार्यों में सुस्ती और लापरवाही को खत्म करने का समय आ गया है?
क्या अब सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और जवाबदेही अनिवार्य होगी?
इतिहास इस बात का गवाह है कि सरकारी कार्यालयों में अक्सर लापरवाही और अनियमितता की शिकायतें आती रहती हैं। वर्षों से आम जनता फाइलों के धूल खाने और सरकारी अधिकारियों के सुस्त रवैये की मार झेलती रही है। लेकिन अब उपायुक्त अनन्य मित्तल इस कार्यसंस्कृति में बदलाव लाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं!
निरीक्षण में क्या-क्या हुआ?
डीसी अनन्य मित्तल ने प्रतिनियुक्त मानव बल की उपलब्धता की समीक्षा की।
सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया।
आगत-निर्गत पंजी, रोकड़ पंजी, संचिका, सीएनसी रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर और इंडेक्स रजिस्टर की जांच की गई।
कार्यालय के लिपिक से संचिकाओं की मांग कर उनका गहन निरीक्षण किया गया।
सरकारी योजनाओं के तहत खर्च की गई राशि और खरीदी गई सामग्रियों के भंडारण की जांच हुई।
सभी वित्तीय लेनदेन और सरकारी गाइडलाइंस के पालन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया।
"कामचोरी बर्दाश्त नहीं!" – डीसी अनन्य मित्तल का कड़ा संदेश
"अब सरकारी कार्यालयों में सुस्ती और लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है। सभी कार्यों को समय पर और पूरी पारदर्शिता के साथ निष्पादित किया जाए।" – उपायुक्त अनन्य मित्तल
जमशेदपुर डीसी ने साफ कर दिया कि सरकारी नियमों का अक्षरश: पालन करना अनिवार्य है।
जो भी कर्मचारी लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बायोमेट्रिक उपस्थिति होगी अनिवार्य!
सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए अब बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है।
हर कर्मचारी को समय पर आना होगा और समय पर जाना होगा।
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर महीने उपस्थिति रिपोर्ट की समीक्षा करें।
सरकारी योजनाओं की फंडिंग और खर्च पर सख्ती!
सरकारी राशि से होने वाले खर्चों की पूरी निगरानी की जाएगी।
योजनाओं के तहत खरीदी गई सामग्रियों और उनके रिकॉर्ड्स को ठीक से संधारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
यदि कहीं भी गड़बड़ी या भ्रष्टाचार पाया गया, तो सख्त कार्रवाई होगी।
"जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता" – उपायुक्त
सरकारी कार्यालयों में आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
सरकारी अधिकारी जनता से सहजता से मिलें और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लें।
कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए हर कार्यालय में नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान कौन-कौन मौजूद था?
इस महत्वपूर्ण निरीक्षण के दौरान कई प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए –
परियोजना निदेशक ITDA – दीपांकर चौधरी
ADM लॉ एंड ऑर्डर – अनिकेत सचान
ADC – भगीरथ प्रसाद
निदेशक NEP – संतोष गर्ग
कार्यपालक दंडाधिकारी – चंद्रजीत सिंह, मृत्युंजय कुमार
ADSS – नेहा संजना खलखो
जिला खेल पदाधिकारी – अविनेश त्रिपाठी
आगे क्या? प्रशासन की पैनी नजर!
हर सरकारी कार्यालय में निरीक्षण अभियान जारी रहेगा।
कर्मचारियों की कार्यक्षमता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
सरकारी कार्यों में सुस्ती का दौर खत्म?
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने सरकारी कार्यालयों की कार्यसंस्कृति में सुधार लाने का जो कदम उठाया है, वह जमशेदपुर के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत कर सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इन निर्देशों का कितना पालन किया जाता है और सरकारी कामकाज में कितना सुधार आता है।
क्या जमशेदपुर प्रशासन अब और अधिक अनुशासित और जवाबदेह होगा? यह आने वाला समय बताएगा!
What's Your Reaction?






