Jharkhand Mining: खनिजों की लूट पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, अवैध पत्थर परिवहन करते दो हाईवा जब्त !

झारखंड में अवैध खनन पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, कोवाली थाना क्षेत्र में पत्थर लदे दो हाईवा जब्त! क्या अब इस काले कारोबार पर रोक लगेगी? पढ़ें पूरी खबर!

Mar 19, 2025 - 19:35
Mar 19, 2025 - 19:43
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Jharkhand Mining: खनिजों की लूट पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, अवैध पत्थर परिवहन करते दो हाईवा जब्त !
Jharkhand Mining: खनिजों की लूट पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, अवैध पत्थर परिवहन करते दो हाईवा जब्त !

झारखंड में खनिजों की लूट थमने का नाम नहीं ले रही है! खनन टास्क फोर्स ने अवैध उत्खनन और परिवहन के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए दो हाईवा जब्त किए हैं। जिला खनन कार्यालय की टीम ने कोवाली थाना क्षेत्र में छापेमारी के दौरान यह कार्रवाई की। जब चालकों से खनिज परिवहन के वैध दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई कागजात पेश नहीं कर सके।

लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह अभियान अवैध खनन पर पूरी तरह लगाम लगा पाएगा या फिर यह सिर्फ दिखावे की कार्रवाई है? आइए, जानते हैं इस पूरे मामले की गहराई से।

अवैध खनन पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई!

जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देश पर, खनन टास्क फोर्स ने अवैध खनन और परिवहन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में कोवाली थाना क्षेत्र में छापेमारी की गई, जहां पत्थर बोल्डर से लदे दो हाईवा ट्रक जब्त किए गए

 जब्त वाहनों के नंबर:
JH05CB-1035
JH05CM-1284

 इन वाहनों को कोवाली थाना को सुपुर्द कर दिया गया है और अब इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

 झारखंड में अवैध खनन का इतिहास!

झारखंड खनिज संपदा से भरपूर राज्य है, लेकिन यहां वर्षों से अवैध खनन माफिया सक्रिय हैं। खासकर पत्थर, कोयला, आयरन ओर और बालू का अवैध खनन और परिवहन आम बात हो गई है।

इतिहास पर नजर डालें तो:

  • 2000 के दशक से ही झारखंड में अवैध खनन की शिकायतें सामने आती रही हैं।
  • 2005 में कोयला खदानों से जुड़ी कई घोटालों का पर्दाफाश हुआ था।
  • 2013 में भी झारखंड में बड़े पैमाने पर अवैध खनन को लेकर जांच हुई थी।
  • 2024 में भी प्रशासन ने कई बड़े अभियान चलाए, लेकिन अवैध खनन अभी भी जारी है।

 अवैध खनन पर रोक लगेगी या खेल जारी रहेगा?

खनिज टास्क फोर्स की इस कार्रवाई से प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि अब अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन क्या यह अभियान सिर्फ छोटी मछलियों तक सीमित रहेगा या बड़े मगरमच्छों तक पहुंचेगा?

 झारखंड के कई जिलों में खनन माफिया इतने मजबूत हो चुके हैं कि वे हर बार कानून को चकमा देकर बच निकलते हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इन्हें रोक पाएगा या यह केवल एक दिखावटी अभियान साबित होगा?

अब आगे क्या?

प्रशासन जल्द ही और कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
अवैध खनन में शामिल लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
खनन टास्क फोर्स की निगरानी बढ़ेगी ताकि भविष्य में अवैध खनन रुके।
 स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे।

लेकिन क्या झारखंड में अवैध खनन पर हमेशा के लिए लगाम लगेगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।