Saharanpur Honour: सहारनपुर के सुनील कुमार "खुराना" को मिला बड़ा सम्मान, साहित्य जगत में बजा डंका!
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि सुनील कुमार "खुराना" को महादेवी वर्मा साहित्य सेवा सम्मान 2025 से नवाजा गया, जानें उनकी साहित्यिक यात्रा और संघर्ष की कहानी।

साहित्य प्रेमियों के लिए एक गर्व का क्षण! सुप्रसिद्ध कवि और साहित्यकार सुनील कुमार "खुराना" को महादेवी वर्मा साहित्य सेवा सम्मान 2025 से नवाजा गया है।
यह सम्मान उन्हें 18 मार्च 2025 को महादेवी वर्मा के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदान किया गया।
सुनील कुमार "खुराना" को यह प्रतिष्ठित उपाधि उनके उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान और प्रेरणादायक कविताओं के लिए दी गई।
कौन हैं सुनील कुमार "खुराना"? जानिए उनकी प्रेरणादायक यात्रा!
सुनील कुमार "खुराना" का जन्म साहित्यिक माहौल में हुआ था।
उनके दादा श्री चेतराम जी हारमोनियम पर गीत गाते थे।
उनके पिता श्री जयपाल सिंह जी भी कवि थे और कई मंचों पर अपनी रचनाओं का पाठ कर चुके थे।
साहित्य से बचपन से ही गहरा लगाव
खुराना जी ने बचपन में अपने विद्यालय की वार्षिक पत्रिकाओं को पढ़ना शुरू किया, जिससे उन्हें कविता और लेखन में रुचि जागी।
उन्होंने अपने पिता और दादा की परंपरा को आगे बढ़ाया और जीवन के संघर्षों को कविता के माध्यम से अभिव्यक्त करना शुरू किया।
उनकी कविताएं केवल शब्द नहीं, बल्कि समाज की वास्तविकता का आईना हैं!
कविताओं की खासियत – दर्द, संघर्ष और देशप्रेम की गूंज!
सुनील कुमार "खुराना" की कविताएं –
संघर्ष की प्रेरणा देती हैं।
उदासी और दर्द से भरे मन को सुकून का अहसास कराती हैं।
देशप्रेम और समाज सुधार की भावना को प्रबल करती हैं।
समाज की बुराइयों पर चोट करती हैं और बदलाव की ओर प्रेरित करती हैं।
उनकी रचनाएं पढ़ने के बाद पाठक एक नए जोश और ऊर्जा से भर जाते हैं।
महादेवी वर्मा साहित्य सेवा सम्मान – क्यों है यह इतना खास?
महादेवी वर्मा भारतीय साहित्य की उन महान हस्तियों में से एक हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य को नया आयाम दिया।
उनकी रचनाएं आज भी समाज के हर वर्ग को प्रेरित करती हैं।
महादेवी वर्मा के सम्मान में दिया जाने वाला यह साहित्यिक पुरस्कार केवल उन्हीं कवियों को मिलता है, जो समाज में साहित्य के माध्यम से बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
खुराना जी को यह सम्मान मिलना इस बात का प्रमाण है कि उनकी कविताएं समाज में गहरा प्रभाव डाल रही हैं।
सम्मान मिलने पर कैसी रही प्रतिक्रिया?
सुनील कुमार "खुराना" को महादेवी वर्मा साहित्य सेवा सम्मान 2025 मिलने की खुशी में उनके परिवार और शुभचिंतकों ने जमकर बधाइयां दीं।
बधाई देने वालों में शामिल थे – श्री श्याम सिंह, देवेंद्र कुमार, सचिन कुमार, श्री मानसिंह, नागिनी देवी, बेबी रानी, साक्षी उज्जवल धवल, दिव्या ज्योति, नैंसी, खुशी, भानू प्रताप सिंह, मुनेश देवी, डॉक्टर देव, रेनू, स्वीटी, आदित्य, सुमित, शशि और अन्य लोग।
क्या कहते हैं सुनील कुमार "खुराना"?
"महादेवी वर्मा केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हिंदी साहित्य की महान हस्ती थीं। उनकी रचनाओं को पढ़कर समाज में बदलाव लाया जा सकता है। हर व्यक्ति को उनकी कविताओं से सीख लेनी चाहिए।" – सुनील कुमार "खुराना"
आगे क्या? क्या साहित्य जगत में आएगा नया बदलाव?
सुनील कुमार "खुराना" अब नई पीढ़ी को भी साहित्य के प्रति जागरूक करना चाहते हैं।
उनका लक्ष्य है कि उनकी कविताएं हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जो संघर्ष कर रहा है, ताकि उसे नई प्रेरणा मिल सके।
वे हिंदी साहित्य को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हिंदी साहित्य के लिए गौरव का क्षण!
सुनील कुमार "खुराना" को महादेवी वर्मा साहित्य सेवा सम्मान मिलना हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए एक गर्व की बात है।
उनकी कविताएं न केवल साहित्यिक धरोहर हैं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं।
अब देखना यह है कि आने वाले समय में वे अपनी रचनाओं से और कौन-कौन से नए आयाम जोड़ते हैं!
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