Chaibasa Cleanliness: आंगनबाड़ी केंद्रों की सफाई पर बड़ा प्लान, अब बच्चों को मिलेगा स्वच्छ वातावरण!
पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन और यूनिसेफ के सहयोग से स्वच्छ आंगनबाड़ी कार्यक्रम को लेकर कार्यशाला आयोजित, जानिए कैसे बदलेगी तस्वीर!

पश्चिमी सिंहभूम के समाहरणालय सभागार में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को स्वच्छ और स्वास्थ्यकर बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने की, जबकि यूनिसेफ और अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इसमें मौजूद रहे।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य – आंगनबाड़ी केंद्रों को "स्वच्छ और स्वस्थ" बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाना था।
स्वच्छ आंगनबाड़ी पुरस्कार: अब सफाई पर होगा सख्त अमल!
यूनिसेफ के सहयोग से स्वच्छ आंगनबाड़ी पुरस्कार योजना शुरू की गई है, जिसके तहत –
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सफाई, स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर आकलन किया जाएगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों को स्टार रेटिंग दी जाएगी, जो उनके स्वच्छता स्तर को दर्शाएगी।
गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए पोषण और स्वच्छता के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छता को प्राथमिकता देकर कुपोषण को कम किया जा सकता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाल स्थिति, अब सुधार की होगी पहल!
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में कई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है।
कई जगहों पर साफ-सफाई की कमी, शौचालयों की बदतर स्थिति और पेयजल संकट जैसी समस्याएं सामने आई हैं।
लेकिन इस नए कार्यक्रम से उम्मीद की जा रही है कि अब इन केंद्रों की तस्वीर बदलेगी!
कार्यशाला में बताया गया कि मई 2025 तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का आकलन कर उन्हें स्टार रेटिंग दी जाएगी।
स्वास्थ्य, पोषण और सफाई – तीनों पर होगा ध्यान!
यूनिसेफ के डॉ. दिगंबर शर्मा और डॉ. लक्ष्मी रंजन सक्सेना ने बताया कि
आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बच्चों और गर्भवती महिलाओं को स्वच्छ पेयजल और पोषक आहार मिलेगा।
स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि बच्चे और महिलाएं खुद भी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने कहा कि "वास" कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
क्या अब आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा बदलेगी?
इस पहल के बाद अब सवाल यह है कि –
क्या सच में आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत सुधरेगी?
क्या स्वच्छता के इस मिशन में सरकारी अधिकारी और जनता मिलकर काम करेंगे?
कहीं यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित तो नहीं रह जाएगी?
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मई 2025 तक आंगनबाड़ी केंद्रों की रेटिंग में कितना सुधार आता है।
अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो आने वाले समय में झारखंड के हजारों बच्चों को एक बेहतर और स्वच्छ वातावरण मिल सकता है!
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