Bareilly Poetry: साहित्यिक रंग से सजी शाम, कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह में बिखरे शब्दों के रंग
बरेली में शुभम साहित्य एवं सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह में कवियों ने अपने शब्दों का जादू बिखेरा। जानें इस आयोजन की खास बातें और सम्मानित साहित्यकारों की जानकारी।
बरेली: शुभम साहित्य एवं सामाजिक संस्था द्वारा खुशहाली सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह ने साहित्य प्रेमियों को एक अनमोल शाम का तोहफा दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शायर विनय सागर जायसवाल ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में जाने-माने कवि रणधीर प्रसाद गौड़ 'धीर' और विशिष्ट अतिथि हिमांशु श्रोतिये निष्पक्ष तथा गजेंद्र पाल सिंह ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इस साहित्यिक आयोजन ने कविता, शायरी और सम्मान के रंगों से मंच को जीवंत कर दिया।
शुरुआत में मां शारदे की वंदना
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था अध्यक्ष सत्यवती सिंह 'सत्या' द्वारा मां शारदे की वंदना के साथ किया गया। उनकी वाणी में सजी वंदना ने पूरे सभागार को आध्यात्मिक माहौल में बांध दिया। इसके बाद शायरा साक्षी भारती 'तन्हा' (बरेली) और कवि सुनील शर्मा 'समर्थ' (बदायूं) को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कवियों ने बिखेरा शब्दों का जादू
कार्यक्रम में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच संचालन की जिम्मेदारी संभालने वाले राज शुक्ल 'ग़ज़लराज' ने अपनी अद्वितीय शैली से माहौल को जीवंत बनाए रखा।
इस कवि सम्मेलन में शामिल हुए रचनाकारों ने कविता के अलग-अलग रंग पेश किए। अवजीत 'अवि', रामधनी 'निर्मल', सरवत परवेज़, उमेश त्रिगुणायत, राजकुमार अग्रवाल, रितेश साहनी, प्रकाश 'निर्मल' और राम कुमार कोली ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब वाहवाही लूटने का मौका दिया।
सम्मानित कवियों का परिचय
साक्षी भारती 'तन्हा' अपनी नज़्मों और गज़लों के लिए जानी जाती हैं, जबकि सुनील शर्मा 'समर्थ' सामाजिक और साहित्यिक मुद्दों पर आधारित कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका सम्मान साहित्य के प्रति समर्पण को सराहने का एक प्रयास था।
साहित्य के इतिहास से जुड़ी परंपरा
भारत में साहित्यिक और सांस्कृतिक सभाएं हमेशा से हमारे समाज के बौद्धिक और रचनात्मक विकास का केंद्र रही हैं। प्राचीन काल से ही कवि सम्मेलन समाज में बदलाव लाने और विचारों को साझा करने का सशक्त माध्यम रहा है। शुभम साहित्य एवं सामाजिक संस्था इस परंपरा को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
साहित्यिक आयोजन का महत्व
कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रम न केवल साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी प्रेरित करते हैं। इस आयोजन में साहित्यकारों और श्रोताओं के बीच संवाद की जो लहर बनी, उसने यह साबित किया कि शब्दों का जादू आज भी समाज में गहरी छाप छोड़ सकता है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
इस सम्मेलन में मौजूद श्रोताओं ने कवियों के शब्दों को दिल से सराहा। कई श्रोताओं का कहना था कि ऐसे आयोजन बरेली की साहित्यिक धरोहर को संजोने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
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