Giridih Terror: आधी रात को डाका! गिरिडीह में नकाबपोश अपराधियों ने सीएससी संचालक को बनाया बंधक, पिस्टल की नोक पर लूटे ₹4 लाख, बिरनी में दहशत
गिरिडीह के बिरनी थाना क्षेत्र के चिताखारो गांव में बुधवार देर रात छह नकाबपोश हथियारबंद अपराधियों ने सीएससी संचालक संजय वर्मा के घर धावा बोलकर पिस्टल की नोक पर नकदी और जेवर समेत करीब चार लाख रुपये की लूट की। पूरे इलाके में नाकेबंदी कर अपराधियों की तलाश जारी।
झारखंड के गिरिडीह जिले का बिरनी थाना क्षेत्र बुधवार की रात अचानक दहशत के साए में डूब गया। जब पूरा गांव गहरी नींद में था, ठीक उसी समय छह हथियारबंद नकाबपोश अपराधियों ने एक सीएससी (Common Service Center) संचालक के घर पर धावा बोल दिया। यह सिर्फ लूट की घटना नहीं थी, बल्कि यह बदमाशों की हिम्मत और पुलिस की गश्त पर एक बड़ा सवाल है।
चिताखारो गांव में हुई इस साहसिक डकैती में सीएससी संचालक संजय वर्मा के घर से नकदी व जेवर समेत करीब चार लाख रुपए की संपत्ति लूटकर अपराधी फरार हो गए। आधा दर्जन से अधिक बदमाशों का इतनी आसानी से लूट को अंजाम देना, झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताएँ बढ़ा देता है।
रात 1 बजे, पिस्टल की नोक पर पूरा परिवार बंधक
पीड़ित संजय वर्मा अपने घर से ही कॉमन सर्विस सेंटर के साथ-साथ एक जनरल स्टोर का संचालन करते हैं। जिसके कारण उनके घर में नकद राशि और कीमती सामान होना स्वाभाविक था।
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घर में घुसे: पीड़ित दुकानदार ने बताया कि रोज की तरह रात करीब आठ बजे दुकान बंद करने के बाद वह परिवार संग सो गए थे। लेकिन आधी रात को करीब एक बजे छह नकाबपोश बदमाशों ने घर का मुख्य दरवाजा तोड़कर प्रवेश किया।
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बंधक बनाया: घर में घुसते ही बदमाशों ने पिस्टल दिखाकर संजय वर्मा, उनकी पत्नी और बेटे को तुरंत बंधक बना लिया। परिवार के सदस्य भयभीत होकर चुपचाप बैठे रहे।
बंधक बनाने के बाद बदमाशों ने आपस में बातचीत करते हुए पूरी योजनाबद्ध तरीके से घर की तलाशी ली और सारे कीमती सामानों को एकत्र करके वहां से फरार हो गए।
पुलिस कार्रवाई और नाकेबंदी
घटना की सूचना मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। तत्काल एसडीपीओ धनंजय राम और ओपी प्रभारी अमन सिंह दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से पूछताछ की।
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जांच अभियान: पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी है और बदमाशों की तलाश में एक बड़ा जांच अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, आधी रात को हुई इस लूट के बाद अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है।
यह लूट एक और बार बताती है कि सीएससी संचालक या छोटे व्यवसायियों को अक्सर अपराधी आसान शिकार मानते हैं। इस तरह के ग्रामीण इलाकों में पुलिस गश्त और सुरक्षा को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है। पुलिस को जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़कर इलाके में विश्वास बहाल करने की जरूरत है।
आपकी राय में, ग्रामीण इलाकों में सीएससी संचालकों और दुकानदारों को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर कौन से दो कदम उठा सकते हैं?
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