Laddakh Protests : कर्फ्यू के बीच 50 लोगों की गिरफ्तारी, शहर में दहशत का माहौल

लेह में हिंसा और आगजनी के बाद पुलिस ने 50 लोगों को हिरासत में लिया। बंद और प्रदर्शन के कारण शहर में कर्फ्यू लागू, प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में रखने में जुटा।

Sep 25, 2025 - 18:05
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Laddakh Protests : कर्फ्यू के बीच 50 लोगों की गिरफ्तारी, शहर में दहशत का माहौल
Laddakh Protests : कर्फ्यू के बीच 50 लोगों की गिरफ्तारी, शहर में दहशत का माहौल

लद्दाख के लेह शहर में गुरुवार को कर्फ्यू और सुरक्षा बलों की सख्ती के बीच कम से कम 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई एक दिन पहले हुई भारी झड़पों और हिंसा के बाद की गई, जिसमें चार लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे।

हिंसा की वजह: भूख हड़ताल और बंद

लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) पिछले चार वर्षों से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग कर रहे हैं। 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता, जिनमें 72 वर्षीय त्सेरिंग अंगचुक और 60 वर्षीय ताशी डोल्मा शामिल थे, की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन का रास्ता अपनाया।

शहर में दहशत और प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और कई वाहनों में आग लगाई, साथ ही हिल काउंसिल मुख्यालय में तोड़फोड़ की। इसके बाद लेह में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

हिरासत में लिए गए लोग और विदेशी संभावनाएं

पुलिस ने रातभर में लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें घायलों में तीन नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। प्रशासन यह जांच कर रहा है कि क्या हिंसा के पीछे विदेशी हाथ हो सकता है।

व्यापक रोकथाम और निषेधाज्ञा

कारगिल, ज़ांस्कर, नुब्रा, पदम, चांगतांग, द्रास और लामायुरु में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। कारगिल के ज़िला मजिस्ट्रेट ने धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की, जिसके अनुसार पांच या अधिक लोगों का एकत्र होना, प्रदर्शन करना या लाउडस्पीकर का उपयोग करना प्रतिबंधित है।

वांगचुक ने हिंसा पर रोक लगाने की अपील की

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक, जिन्होंने भूख हड़ताल का नेतृत्व किया था, ने स्थिति बिगड़ते देख अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। उन्होंने अपने समर्थकों से युवाओं से हिंसा तुरंत रोकने की अपील की और कहा कि इससे लद्दाख और देश में अस्थिरता बढ़ेगी।

केंद्र और प्रशासन का रुख

केंद्र सरकार ने आरोप लगाया कि भीड़ की हिंसा वांगचुक के भड़काऊ बयानों से प्रेरित थी। गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं के प्रति प्रतिबद्ध है और पर्याप्त संवैधानिक सुरक्षा उपाय प्रदान किए जा रहे हैं।

उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने घटनाओं को हृदयविदारक बताया और कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन जो हुआ वह साजिश का नतीजा था।ऐतिहासिक संदर्भ

एलएबी और केडीए पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। पहले भी उन्होंने केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत की है। 6 अक्टूबर को अगला बातचीत दौर तय है।

लेह में हुए हिंसा और आगजनी ने प्रशासन, सुरक्षा बलों और नागरिकों के लिए सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्फ्यू और गिरफ्तारी के बावजूद स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। वांगचुक और युवा प्रदर्शनकारी अब शांतिपूर्ण आंदोलन की ओर लौटने का संदेश दे रहे हैं, लेकिन भविष्य में लद्दाख में स्थिरता और सुरक्षा पर नजर रखी जानी होगी।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।