Nawada MGNREGA Scam : मनरेगा में लूट की खुली छूट, जांच के नाम पर खानापूर्ति का खेल!
नवादा जिले में मनरेगा योजना में घोटाले का मामला, बिना काम किए मजदूरी का भुगतान और जांच के नाम पर खानापूर्ति। जानें क्या हो रहा है शाहपुर पंचायत में!
नवादा जिले के मनरेगा योजना में एक बार फिर घोटाले की गहरी धुंध छाई हुई है। इस बार मामला वारिसलीगंज प्रखंड के शाहपुर पंचायत का है, जहां बिना काम किए ही मनरेगा मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है। यह घोटाला इस हद तक बढ़ चुका है कि अब लोगों ने शिकायत करने की बजाय चुप्पी साध ली है। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या यह केवल एक या दो जगह का मामला है, या फिर पूरी योजना में कहीं और भी इसी तरह के घोटाले चल रहे हैं?
संपन्न किसानों और सरकारी कर्मचारियों को मिल रही मजदूरी
इस बार जिस तरीके से मनरेगा में राशि का भुगतान हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। काम तो दूर, शाहपुर पंचायत के कई ऐसे लोगों को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान किया गया है, जो न तो श्रमिक हैं और न ही उन्हें काम दिया गया था। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई लोग संपन्न किसान हैं या फिर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। जब इनसे सवाल किया गया, तो मजदूरों की तस्वीरें बयान देने लगीं कि कैसे यह घोटाला हुआ और किसे लाभ मिल रहा है।
बिना काम किए भुगतान की जांच भी नहीं हो रही
मनरेगा योजना के तहत जाब कार्ड जारी किए गए थे, लेकिन अब यह पता चलता है कि इन जाब कार्डों की कोई जांच नहीं की जा रही। फर्जी मजदूरों के नाम पर भुगतान हो रहा है और जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। अधिकारियों की नाकामी और योजनाओं के गलत तरीके से संचालन से ग्रामीणों में काफी गुस्सा है।
नजरअंदाज की जा रही शिकायतें
अब गांववालों ने भी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि कई बार अधिकारियों को समस्या बताने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इसके चलते लोग अब इस पूरे मामले में चुप रहना पसंद कर रहे हैं। उन्होंने शिकायतों की अनदेखी और जांच की कमी के बारे में अपनी नराज़गी व्यक्त की है।
क्या होगा इसका समाधान?
अब सवाल यह उठता है कि जांच करेगा कौन? जिन अधिकारियों को इस घोटाले की जांच करनी चाहिए, वही लोग इस मामले को सुलझाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। क्या इस मामले में उच्च अधिकारियों तक कोई शिकायत पहुंचेगी? क्या नवादा में मनरेगा योजना को लेकर सही कार्रवाई होगी?
इतिहास में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें
मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराना था, लेकिन समय के साथ इस योजना में कई बार भ्रष्टाचार की खबरें सामने आई हैं। यह पहली बार नहीं है जब मनरेगा के तहत घोटाले की खबरें आई हों। इससे पहले भी कई जिलों में इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
What's Your Reaction?