Nawada Action: अवैध शराब के अड्डे पर पुलिस की छापेमारी, पिता-पुत्र गिरफ्तार, शराब की भट्टी ध्वस्त
नवादा के उपरटंडा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई। अवैध शराब के अड्डे पर छापा मारकर 15 लीटर देसी शराब जब्त, 300 लीटर अर्द्धनिर्मित शराब नष्ट। पिता-पुत्र गिरफ्तार।
नवादा, 7 दिसंबर 2024: बिहार के नवादा जिले के रजौली अनुमंडल में अवैध शराब के धंधे पर पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। उपरटंडा मोहल्ले में अवैध शराब के अड्डे पर छापेमारी कर 15 लीटर देसी महुआ शराब जब्त की गई, जबकि 300 लीटर अर्द्धनिर्मित शराब को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इस कार्रवाई में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया, जो लंबे समय से अवैध शराब के धंधे में लिप्त थे।
गुप्त सूचना पर हुई त्वरित कार्रवाई
रजौली थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उपरटंडा मोहल्ले में अवैध शराब की भट्ठी चलाई जा रही है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने रात में छापा मारा। जब पुलिस ने घर में प्रवेश किया, तो वहां की स्थिति देख अधिकारी हैरान रह गए। शराब की भट्ठी में बड़े पैमाने पर अवैध शराब का निर्माण हो रहा था।
300 लीटर अर्द्धनिर्मित शराब नष्ट
पुलिस ने मौके पर 300 लीटर अर्द्धनिर्मित शराब को नष्ट कर जमीन में बहा दिया। साथ ही 15 लीटर तैयार देसी महुआ शराब को जब्त किया। भट्ठी को ध्वस्त कर इस अवैध कारोबार पर तात्कालिक रोक लगाई गई।
पिता-पुत्र गिरफ्तार
इस कार्रवाई में पुलिस ने हीरा चौधरी उर्फ पहलवान और उसके बेटे राजेश कुमार को गिरफ्तार किया। दोनों उपरटंडा मोहल्ले के निवासी हैं और लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय थे। थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
शराबबंदी के बावजूद जारी अवैध धंधा
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा है। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद कई क्षेत्रों में ऐसे अवैध अड्डे सक्रिय हैं। उपरटंडा मोहल्ला भी इन क्षेत्रों में से एक था, जहां शराबबंदी के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए शराब का निर्माण और बिक्री की जा रही थी।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
पुलिस की इस कार्रवाई से स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि इस अवैध धंधे के कारण मोहल्ले का माहौल खराब हो रहा था। लोगों ने पुलिस से अपील की है कि वे ऐसे और अड्डों पर कार्रवाई करें ताकि शराबबंदी का सख्ती से पालन हो सके।
इतिहास में अवैध शराब की समस्या
भारत में अवैध शराब की समस्या नई नहीं है। इतिहास गवाह है कि अवैध शराब का धंधा न केवल समाज के लिए घातक है, बल्कि इससे कई बार बड़ी त्रासदियां भी हुई हैं। 1990 के दशक में कई राज्यों में जहरीली शराब के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार जैसे राज्यों ने पूर्ण शराबबंदी लागू कर इस समस्या को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन अवैध शराब का नेटवर्क इसे चुनौती देता रहा है।
पुलिस की चुनौती और कार्रवाई की आवश्यकता
अवैध शराब के अड्डों पर कार्रवाई करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। इन धंधों में शामिल लोग अक्सर स्थानीय समर्थन और छुपे हुए नेटवर्क का लाभ उठाते हैं। पुलिस को ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तकनीकी सहायता और स्थानीय सहयोग की आवश्यकता है।
उपरटंडा में पुलिस की इस कार्रवाई ने अवैध शराब के धंधे पर बड़ी चोट की है। यह घटना बिहार सरकार की शराबबंदी नीति को प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे अड्डों पर नियमित कार्रवाई और जागरूकता अभियान ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।
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