Illegal coal stock : लक्ष्मी कोलियरी में अवैध कोयला तस्करी: जब्बार और बंटी खान का क्या है सच?

सुदामडीह थाना क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी का खुलासा। क्या लक्ष्मी कोलियरी से बंगाल तक फैल चुका है कोयला माफिया का नेटवर्क? जानिए पूरी खबर।

Dec 7, 2024 - 12:04
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Illegal coal stock : लक्ष्मी कोलियरी में अवैध कोयला तस्करी: जब्बार और बंटी खान का क्या है सच?
Illegal coal stock : लक्ष्मी कोलियरी में अवैध कोयला तस्करी: जब्बार और बंटी खान का क्या है सच?

झारखंड के कोयलांचल क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी का खेल लंबे समय से जारी है। ताजा मामला सुदामडीह थाना क्षेत्र के लक्ष्मी कोलियरी और उसके आसपास का है। बीते दिनों सुदामडीह थाना प्रभारी द्वारा अवैध कोयला लदे ट्रक को जब्त किया गया, जो इस पूरे रैकेट की ओर इशारा करता है।

लक्ष्मी कोलियरी: कोयला तस्करी का केंद्र

स्थानीय लोगों का कहना है कि लक्ष्मी कोलियरी और आसपास के इलाकों से रोजाना दो से तीन अवैध कोयला लदे ट्रक निकलते हैं। यह ट्रक सुदामडीह के मोहन बाजार, पानी टंकी, बिरसा पुल होते हुए बोकारो जिले को पार कर बंगाल तक पहुंच जाते हैं

  • रूट का इस्तेमाल: यह रूट तस्करों के लिए बेहद सुरक्षित है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा बलों और विभागीय अधिकारियों की कथित मिलीभगत से इन गाड़ियों का आवागमन बेरोकटोक जारी है।

मुख्य नाम: जब्बार खान और बंटी खान

अवैध कोयला तस्करी के इस रैकेट में दो नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं: जब्बार खान और बंटी खान

  • स्थानीय सूत्रों का कहना है कि ये दोनों कोयला माफिया के मुख्य किरदार हैं, जो इस पूरे नेटवर्क को संचालित करते हैं।
  • इनके पास कोयला चोरी और तस्करी के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट से लेकर भ्रष्ट अधिकारियों का संरक्षण तक सबकुछ उपलब्ध है।

कौन है जिम्मेदार? मिलीभगत के आरोप

अवैध कोयला तस्करी के बढ़ते मामलों में कई विभागों और अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं:

  1. सीआईएसएफ (CISF): सुरक्षा के लिए तैनात CISF जवानों की निष्क्रियता इस रैकेट को बढ़ावा देती है।
  2. बीसीसीएल (BCCL): बीसीसीएल के कुछ भ्रष्ट अधिकारी कोयला चोरी को नजरअंदाज करते हैं या फिर इसमें शामिल रहते हैं।
  3. आउटसोर्सिंग कंपनियां: ये कंपनियां खुद कोयला खनन का ठेका लेती हैं, लेकिन अवैध खनन में इनकी भूमिका संदिग्ध है।
  4. स्थानीय प्रशासन: पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर भी कोयला माफिया को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं।

इतिहास: कोयला तस्करी और झारखंड का कोयलांचल

झारखंड का कोयलांचल क्षेत्र, जिसमें धनबाद, बोकारो, सुदामडीह और आसपास के इलाके शामिल हैं, कभी देश की ऊर्जा का मुख्य स्रोत था।

  • 1970-80 के दशक: अवैध कोयला खनन और तस्करी का सिलसिला इसी दौर में शुरू हुआ।
  • माफिया का उदय: धीरे-धीरे कोयला माफिया ने कोलियरी क्षेत्रों पर कब्जा जमा लिया। बड़े-बड़े गिरोह इस अवैध धंधे में शामिल हो गए।
  • वर्तमान स्थिति: आज भी झारखंड के कोयलांचल में राष्ट्रीय संपत्ति की लूट मची हुई है।

राष्ट्रीय संपत्ति की लूट और चुप्पी साधे जनप्रतिनिधि

कोयला तस्करी के कारण राष्ट्रीय संपत्ति को भारी नुकसान हो रहा है।

  • सांसद और विधायक: स्थानीय सांसदों और विधायकों पर सवाल उठ रहे हैं कि वह इस मुद्दे को सदन में क्यों नहीं उठाते?
  • विपक्ष की चुप्पी: पक्ष-विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है।

प्रशासन की नाकामी: कोयला चोरी क्यों नहीं रुक रही?

सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में कोयला चोरी होने के बावजूद प्रशासन इसे रोकने में नाकाम क्यों है?

  • भ्रष्टाचार: अधिकारियों और माफिया के बीच मिलीभगत की वजह से यह धंधा फल-फूल रहा है।
  • लचर निगरानी: कोयला लदे ट्रकों की निगरानी के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है।
  • कानूनी कार्रवाई: पकड़े गए ट्रकों और तस्करों पर सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं होती, जिससे माफिया बेखौफ हैं।

कोयला तस्करी का नेटवर्क: बिहार और बंगाल तक विस्तार

सुदामडीह और लक्ष्मी कोलियरी से निकलने वाले अवैध कोयला लदे ट्रक बंगाल तक पहुंचते हैं

  • बोकारो के रास्ते: बोकारो जिले को पार कर यह ट्रक बंगाल के विभिन्न उद्योगों तक सप्लाई किए जाते हैं।
  • काला कारोबार: स्थानीय माफिया इस अवैध कोयला को ऊंचे दामों पर बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं।

जनता का आक्रोश और समाधान की जरूरत

अवैध कोयला तस्करी से स्थानीय लोगों का जीवन भी प्रभावित हो रहा है। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि:

  • क्या प्रशासन इस काले कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?
  • क्या जब्बार खान और बंटी खान जैसे माफियाओं पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा?

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।