Bundu-Namkum Road Accident: बिहार जाते समय कैसे हुई प्रिंस सिंह की असमय मौत?

टेल्को निवासी प्रिंस सिंह की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत। क्या झारखंड की खराब सड़क सुरक्षा और अनियंत्रित वाहन इसका कारण हैं? जानिए पूरी खबर।

Dec 7, 2024 - 10:26
Dec 7, 2024 - 10:27
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Bundu-Namkum Road Accident: बिहार जाते समय कैसे हुई प्रिंस सिंह की असमय मौत?
Bundu-Namkum Road Accident: बिहार जाते समय क्यों हुई प्रिंस सिंह की असमय मौत?

बुंडू-नामकुम में सड़क दुर्घटना: सनातन उत्सव समिति के सक्रिय सदस्य प्रिंस सिंह की दर्दनाक मौत

झारखंड के बुंडू-नामकुम थाना क्षेत्र के पास शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में टेल्को निवासी प्रिंस सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब प्रिंस अपने परिवार के साथ किराए की आर्टिगा कार में सवार होकर बिहार जा रहे थे। यह सफर उनकी दादी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए था, जिनका निधन कुछ ही घंटों पहले हुआ था।

घटना का विवरण: बिहार के सफर में दर्दनाक हादसा

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दुर्घटना रात करीब 2 से 3 बजे के बीच हुई। परिवार के सभी सदस्य बिहार जा रहे थे जब बुंडू-नामकुम के पास उनकी गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया। कार के अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से प्रिंस सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्य बाल-बाल बचे।

प्रिंस सिंह: एक युवा और सामाजिक कार्यकर्ता

प्रिंस सिंह न केवल टेल्को के निवासी थे, बल्कि वे सनातन उत्सव समिति के एक सक्रिय सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जाने जाते थे। प्रिंस का नाम स्थानीय स्तर पर उनके उत्साह, विनम्र स्वभाव और सामाजिक कार्यों के लिए सम्मान के साथ लिया जाता था।

  • सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी: सनातन उत्सव समिति के कार्यक्रमों को सफल बनाने में प्रिंस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नेतृत्व: धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में उनकी भागीदारी हमेशा लोगों के बीच प्रेरणा का काम करती थी।

परिवार का दुख और झामुमो नेता चाचा अभिनव सिंह की उपस्थिति

मृतक प्रिंस सिंह के चाचा अभिनव सिंह, जो खड़ंगाझार के निवासी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हैं, को जैसे ही इस दुर्घटना की खबर मिली, परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वे तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुए।
यह हादसा परिवार के लिए दोहरे दुख की घड़ी लेकर आया। पहले दादी का निधन, और फिर उनके अंतिम संस्कार में जाते समय प्रिंस का असमय निधन पूरे परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति साबित हुआ है।

स्थानीय लोगों में शोक की लहर

प्रिंस सिंह की असमय मृत्यु की खबर टेल्को और आसपास के इलाकों में आग की तरह फैल गई। स्थानीय लोग, सनातन उत्सव समिति के सदस्य और उनके शुभचिंतक शोक में डूब गए हैं।

  • एक परिवार का होनहार युवा: प्रिंस को उनके व्यवहार और सामाजिक कार्यों के लिए सभी लोग पसंद करते थे।
  • सांस्कृतिक आयोजनों में कमी: सनातन उत्सव समिति ने इसे अपने परिवार का एक बड़ा नुकसान बताया है।

सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

  • अनियंत्रित गाड़ी: हादसे के पीछे गाड़ी का अनियंत्रित होना मुख्य कारण माना जा रहा है।
  • रात के सफर की चुनौतियां: देर रात या तड़के यात्रा करना अक्सर दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ा देता है।

झारखंड में इस प्रकार की दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद सड़क सुरक्षा उपायों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया और अंतिम संस्कार की तैयारियां

दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई की। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
परिवार के अनुसार, प्रिंस का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।