झारखंड में हाथियों के आतंक से बचने की कोशिश में करैत सांप ने ली तीन बच्चों की जान

झारखंड के गढ़वा जिले में जंगली हाथियों के डर से एक जगह सो रहे चार बच्चों में से तीन की करैत सांप के डंसने से मौत हो गई। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता का आश्वासन दिया।

Sep 6, 2024 - 19:36
Sep 6, 2024 - 20:18
झारखंड में हाथियों के आतंक से बचने की कोशिश में करैत सांप ने ली तीन बच्चों की जान
झारखंड में हाथियों के आतंक से बचने की कोशिश में करैत सांप ने ली तीन बच्चों की जान

गढ़वा, 6 सितंबर 2024 – झारखंड के गढ़वा जिले के रंका अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों के आतंक से लोग इतनी दहशत में हैं कि वे एक ही जगह पर जमा होकर सोने को मजबूर हैं। इसी आतंक के कारण एक दुखद घटना सामने आई है जिसमें चार बच्चों में से तीन की करैत सांप के डंसने से मौत हो गई है, जबकि चौथी बच्ची का इलाज चल रहा है।

घटना का विवरण

चिनिया थाना क्षेत्र के चपकली गांव के नवानगर टोले में गुरुवार की रात को चार बच्चे एक ही कमरे में सो रहे थे। हाथियों के डर से उन्होंने अपने दादा के घर में जमीन पर सोने का निर्णय लिया था। रात करीब 1:00 बजे करैत सांप ने इन बच्चों को डंस लिया।

सांप के डंसने के बाद बच्चों को झाड़-फूंक के लिए बगल के गांव में ले जाया गया। वहां पहुंचने पर दो बच्चों की मौत हो गई। बची दो बच्चों को गंभीर हालत में एक और स्थान पर ले जाया जा रहा था कि रास्ते में एक और बच्चे की मौत हो गई। अंत में एक बच्ची को इलाज के लिए गढ़वा सदर अस्पताल भेजा गया।

मृतकों में पन्नालाल कोरवा (15 वर्ष), कंचन कुमारी (8 वर्ष) और बेगी कुमारी (9 वर्ष) शामिल हैं। बेगी कुमारी अपनी नानी के घर आई थी। ये सभी बच्चे एक ही परिवार के थे।

ग्रामीणों की स्थिति और प्रतिक्रिया

ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक इतना अधिक है कि लोग रात के समय सुरक्षित स्थानों पर ही सोते हैं। कई लोग स्कूल की छत पर सोते हैं, जबकि कुछ लोग बड़े घरों में एकत्रित होकर रात बिताते हैं। बच्चों की इस घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी शिवपूजन तिवारी और अंचलाधिकारी उमेश्वर यादव पीड़ित परिवारों के घर पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिवारों को दाह संस्कार के लिए ₹15,000 प्रदान किए और राशन तथा अन्य सुविधाएं देने का आश्वासन दिया। हर मृत बच्चे के परिवार को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी बात की गई है।

झामुमो नेता मो फरीद और पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि उमाशंकर गुप्ता ने भी मौके पर जाकर पीड़ित परिवारों को ढाढ़स बंधाया और आर्थिक सहायता प्रदान की। मो फरीद ने स्थानीय विधायक और मंत्री से मिलकर परिवारों को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।