Deoghar Accident: तेज रफ्तार ऑटो ने मारी ऐसी टक्कर कि सड़क पर लहूलुहान गिर पड़ा दुकानदार!
देवघर के दर्शनीया मोड़ पर हुआ दर्दनाक हादसा—तेज रफ्तार ऑटो ने घर लौट रहे दुकानदार को पीछे से मारी टक्कर, सिर और पैर में गंभीर चोटें, ऑटोचालक फरार।

देवघर की सड़कों पर एक बार फिर रफ्तार का कहर देखने को मिला। सोमवार शाम नगर थाना क्षेत्र के दर्शनीया मोड़ पर एक पैदल चल रहे दुकानदार को तेज रफ्तार ऑटो ने पीछे से टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना के वक्त राहगीर छोटू तुरी अपनी दुकान बंद कर रांगा मोड़ स्थित अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वह दर्शनीया मोड़ के पास पहुंचे, पीछे से आ रहे एक बेकाबू ऑटो ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि छोटू तुरी सड़क पर गिर पड़े और उनके सिर व पैर में गंभीर चोटें आ गईं।
रफ्तार ने फिर छीनी चैन की सांस
देवघर की सड़कों पर हादसे कोई नई बात नहीं है। बीते कुछ महीनों में लगातार हो रहे सड़क हादसों ने यह साबित कर दिया है कि यहां ट्रैफिक नियमों की अनदेखी आम बात हो चुकी है। दर्शनीया मोड़, जो पहले भी कई सड़क दुर्घटनाओं का गवाह रह चुका है, एक बार फिर लापरवाह ड्राइविंग का शिकार बना।
स्थानीय लोगों ने निभाई इंसानियत
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल को देवघर सदर अस्पताल पहुंचाया। ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने प्राथमिक इलाज के बाद छोटू तुरी को अस्पताल के वार्ड में भर्ती कर लिया। चिकित्सकों ने बताया कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है लेकिन सिर में गहरी चोट होने के कारण उन्हें निगरानी में रखा गया है।
फरार हुआ चालक, नहीं मिला ऑटो
हादसे के बाद ऑटो चालक मौके से फरार हो गया। छोटू तुरी ने बताया कि घटना इतनी अचानक हुई कि वह ऑटो का नंबर भी नहीं देख पाए। पुलिस को सूचना दे दी गई है और फरार चालक की तलाश जारी है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ऐसे लापरवाह चालकों पर सख्ती क्यों नहीं की जा रही?
देवघर: सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ
अगर पिछले एक साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो देवघर जिले में सड़क दुर्घटनाओं में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। नगर क्षेत्र में तेज रफ्तार, बिना हेलमेट और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जैसे कारण इन हादसों की प्रमुख वजह बन चुके हैं। खासकर दर्शनीया मोड़, रांगा मोड़ और कोर्ट रोड जैसे स्थान ‘एक्सीडेंट स्पॉट’ के रूप में चिन्हित हो चुके हैं।
प्रशासन की आंखें कब खुलेंगी?
लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू नहीं करेगा और सीसीटीवी निगरानी को मजबूत नहीं करेगा, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने प्रशासन से इस क्षेत्र में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती और स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग की है।
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता की धारा 279 और 338 के तहत तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने वाले व्यक्ति को जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश मामलों में आरोपी फरार हो जाते हैं और पीड़ित को न्याय के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता है।
कब तक सड़कों पर बहता रहेगा मासूमों का खून?
छोटू तुरी की यह घटना कोई एकल मामला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी की कहानी है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन अब जागेगा या फिर एक और हादसे का इंतज़ार करेगा?
आपकी राय: क्या दर्शनीया मोड़ जैसे हादसों के लिए ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन जरूरी नहीं हो गया है? क्या दोषी चालक को जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए?
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