Palamu Suicide: स्नातक परीक्षा के बीच युवती ने क्यों लगा ली आग? रहस्य में लिपटी मौत
पलामू की एक 19 वर्षीय छात्रा ने बाथरूम में खुद को आग लगाकर दी जान, मंदिर गई थी सुबह और शाम को उठाया खौफनाक कदम—आख़िर क्यों? पढ़ें पूरी कहानी…

पलामू से आई इस चौंकाने वाली खबर ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। झारखंड के पलामू जिले की एक 19 वर्षीय छात्रा ने सोमवार को अपने ही घर के बाथरूम में खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना पलामू जिला मुख्यालय के दो नंबर टाउन स्थित टीवीएस शोरूम रोड की है, जहां स्वर्गीय रोशन कुमार शर्मा की बेटी लक्ष्मी रानी ने शाम करीब 5:30 बजे खुदकुशी का खौफनाक कदम उठाया।
मंदिर गई थी सुबह, शाम को क्यों जलाई खुद को?
स्थानीय लोगों के अनुसार, लक्ष्मी रानी एक शांत और पूजा-पाठ में विश्वास रखने वाली लड़की थी। घटना वाले दिन सुबह वह मंदिर भी गई थी और स्नातक की परीक्षा भी दे रही थी। उसके व्यवहार में कोई असामान्यता नहीं थी। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर ऐसी नौबत क्यों आई?
क्या कोई छिपी थी परेशानी?
परिजनों ने बताया कि लक्ष्मी के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और उसका पालन-पोषण उसके चाचा वीरेंद्र कुमार शर्मा कर रहे थे। वीरेंद्र ने भी किसी घरेलू कलह या तनाव से इनकार किया है। ऐसे में इस आत्महत्या की वजह और भी रहस्यमयी हो जाती है।
घटना कैसे हुई?
शाम के समय जब घर में कुछ लोग मौजूद थे, तभी लक्ष्मी चुपचाप बाथरूम में गई। अंदर से दरवाज़ा बंद किया और अपने ऊपर केरोसीन तेल छिड़क कर आग लगा ली। कुछ ही देर में बाथरूम से धुआं निकलने लगा। पड़ोसियों ने जब देखा तो शोर मचाया।
पुलिस को बुलाया गया और शहर थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बाथरूम का दरवाजा धक्का मारकर तोड़ा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लक्ष्मी बुरी तरह झुलस चुकी थी और मौके पर ही उसकी मौत हो चुकी थी।
फोन जब्त, जांच शुरू
पुलिस ने लक्ष्मी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है, जिससे आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके। फोन की कॉल डिटेल, सोशल मीडिया चैट्स और हालिया गतिविधियों की जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों की तह में जाने की कोशिश कर रही है।
इतिहास में भी ऐसे मामले
भारत में युवाओं द्वारा आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। खासकर, परीक्षा के दौरान मानसिक तनाव और पारिवारिक दबाव जैसी समस्याएं सामने आती रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल हजारों युवा पढ़ाई, रिश्तों या सामाजिक दबाव के चलते आत्महत्या कर लेते हैं।
झारखंड में भी इससे पहले कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां छात्रों ने तनाव में आकर आत्मघाती कदम उठाए।
परिवार का बुरा हाल, मोहल्ले में मातम
घटना के बाद लक्ष्मी के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मां-बेटी की तस्वीरें घर की दीवारों पर चुपचाप बोलती हैं और हर चेहरा सवालों से घिरा हुआ है। मोहल्ले में मातमी सन्नाटा है, कोई समझ नहीं पा रहा कि इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी बेबसी कैसे आ गई।
सवाल अभी बाकी हैं…
अब यह पुलिस जांच पर निर्भर करता है कि इस आत्महत्या के पीछे की सच्चाई सामने लाई जाए। क्या यह कोई मानसिक दबाव था? क्या किसी ने उसे उकसाया? या फिर कोई ऐसा राज़ है जो अब भी छुपा हुआ है?
इस मामले ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज के युवाओं को किस हद तक आंतरिक संघर्ष झेलना पड़ता है और समाज कब चेतेगा?
क्या कहता है आपका मन—क्या स्कूल-कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बातचीत शुरू होनी चाहिए?
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