Samastipur Tragedy: बेटे के जन्मदिन से पहले पिता ने की आत्महत्या,जानिए पूरा मामला।
समस्तीपुर में बेटे के जन्मदिन के मौके पर पिता ने खुदकुशी कर ली। साइबर फ्रॉड के कारण तनाव में थे मृतक। जानिए पूरा मामला।
1 दिसंबर 2024: बिहार के समस्तीपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शनिवार की शाम को प्रोफेसर कॉलोनी में एक बिजली विभाग के कर्मचारी ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 45 वर्षीय सुधांशु शेखर के रूप में हुई है, जो कि बिजली विभाग में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत थे। यह घटना उनके बेटे के जन्मदिन की खुशी के दिन हुई, जिससे पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
बेटे के जन्मदिन पर जश्न की जगह क्यों मचा शोक?
पूनम कुमारी, सुधांशु की पत्नी, ने बताया कि शनिवार को उनके बेटे का जन्मदिन था, और वह इस खास मौके को मनाने की तैयारी में लगी हुई थीं। परिवार के लोग इस दिन को खास बनाने के लिए उत्साहित थे और केक काटने की योजना बना रहे थे। लेकिन जब सुधांशु घर लौटे और अपने कमरे में चले गए, तो पत्नी से उनके बीच खाना खाने को लेकर कुछ बहस हो गई। थोड़ी देर बाद जब सुधांशु कमरे से बाहर नहीं निकले, तो पूनम ने कमरे का दरवाजा खोला और देखा कि उनका पति फांसी से लटका हुआ था।
इस दृश्य को देखकर पत्नी की चीखें गूंज गईं, जिससे पड़ोसी भी इधर दौड़ पड़े। उन्होंने सुधांशु को फांसी से उतारा और तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां के डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
साइबर फ्रॉड का शिकार: क्या था कारण?
मृतक सुधांशु शेखर एक गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहे थे। बताया जा रहा है कि हाल ही में उन्होंने साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। इस घटना के बाद से वह मानसिक तनाव में थे। साइबर फ्रॉड के मामलों में बढ़ती घटनाओं से समाज में तनाव और अवसाद की समस्या भी बढ़ती जा रही है, जो कई बार गंभीर परिणाम पैदा कर सकती है।
पुलिस ने शुरू की जांच
नगर थाना के थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने कहा कि यह मामला पहली नजर में पारिवारिक विवाद से जुड़ा हुआ लग रहा है, लेकिन पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
इतिहास में समान घटनाएं
ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और यह दर्शाती हैं कि पारिवारिक तनाव, आर्थिक परेशानी, और साइबर फ्रॉड जैसी समस्याओं से लोग किस हद तक प्रभावित हो सकते हैं। भारत में भी कई बार इस तरह की घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों ने आत्महत्या का रास्ता अपनाया। विशेष रूप से छोटे शहरों में साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे लोगों की मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।
समाज को क्या सिखाती है यह घटना?
यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या हम अपने परिवार वालों के मानसिक स्वास्थ्य की सही स्थिति को समझने में सक्षम हैं? क्या हम ऐसे संकटों से निपटने के लिए पर्याप्त मदद और जागरूकता प्रदान कर रहे हैं? समाज में अवसाद और तनाव के मामलों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सुधांशु शेखर के परिवार के लिए यह दुखद घड़ी है, और उनकी मौत ने उनके आस-पास के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें एक-दूसरे की मानसिक स्थिति का ध्यान रखना कितना जरूरी है।
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