Lohardaga Fire: ट्रक-जेसीबी जलकर राख, बाल-बाल बचे ड्राइवर-खलासी!
लोहरदगा के बक्सीडीपा-बदला रोड पर हाईटेंशन तार से टकराकर ट्रक और जेसीबी जलकर राख हो गए। घटना ने बिजली विभाग की लापरवाही पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जानिए पूरी घटना की इनसाइड स्टोरी।

लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र अंतर्गत बक्सीडीपा-बदला रोड शुक्रवार की दोपहर अचानक दहशत से भर गया। एक जेसीबी मशीन से लदा मालवाहक ट्रक जैसे ही हाईटेंशन बिजली के तार के संपर्क में आया, वैसे ही ट्रक में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में ट्रक के साथ-साथ जेसीबी मशीन भी जलकर खाक हो गई।
हादसे की शुरुआत
घटना की शुरुआत तब हुई जब बगड़ू से तेतरटोली जा रहे एक ट्रक पर जेसीबी मशीन लदी हुई थी। जैसे ही ट्रक बक्सीडीपा-बदला रोड के समीप पहुंचा, जेसीबी मशीन 11,000 वोल्ट के हाईटेंशन तार को छू गई। नतीजा हुआ शॉर्ट सर्किट और देखते ही देखते ट्रक ने आग पकड़ ली।
मौत से जंग, फिर भाग्य से बचाव
ट्रक में मौजूद ड्राइवर और खलासी ने जैसे-तैसे समय रहते कूदकर अपनी जान बचाई। लेकिन जिस तेजी से आग ने विकराल रूप लिया, उससे ट्रक और मशीन दोनों को बचाना असंभव हो गया।
मौके पर मची अफरातफरी
घटना की सूचना मिलते ही सेन्हा थाना की पुलिस और दमकल विभाग की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने में दमकल कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि तब तक लाखों की संपत्ति जलकर राख हो चुकी थी।
किसकी थी ये मशीनें?
बताया जा रहा है कि जल चुका ट्रक और जेसीबी मशीन हजारीबाग के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण साहू की संपत्ति थी। इस खबर के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में भी खलबली मच गई है।
बिजली विभाग की लापरवाही या हादसा?
स्थानीय लोगों ने घटना के बाद गुस्सा जाहिर करते हुए बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इतनी हाईटेंशन लाइनें सड़क के इतने नजदीक क्यों हैं? क्या बिजली विभाग की जिम्मेदारी नहीं बनती कि ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए?
क्या यह पहला मामला है?
झारखंड में इस तरह के हादसे पहले भी सामने आ चुके हैं। 2019 में बोकारो में भी एक जेसीबी मशीन हाईटेंशन तार से टकरा गई थी, जिससे चालक की मौके पर ही मौत हो गई थी। यह घटना साफ दर्शाती है कि बिजली विभाग और लोक निर्माण विभाग के बीच समन्वय की भारी कमी है।
पुलिस की जांच जारी
फिलहाल सेन्हा थाना की पुलिस मामले की जांच में जुटी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या इस हादसे के लिए जिम्मेदार विभागों पर कोई कार्रवाई होगी? या फिर यह भी बाकी हादसों की तरह केवल एक "फाइल क्लोज" मामला बनकर रह जाएगा?
लोहरदगा की यह घटना सिर्फ एक ट्रक या जेसीबी के जलने की नहीं है, बल्कि सिस्टम की उस चूक की कहानी है, जो कभी भी किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। ऐसे हादसे चेतावनी हैं कि अब वक्त आ गया है जब सुरक्षा मानकों पर सख्ती से अमल हो!
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