Jamshedpur Celebration: रैफ की 106वीं बटालियन ने मनाया स्थापना दिवस, शौर्य और संस्कृति का संगम
जमशेदपुर स्थित रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) की 106वीं बटालियन ने रविवार को ग्रुप मुख्यालय में अपनी स्थापना का उत्सव मनाया, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि, गार्ड ऑफ ऑनर, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भोज शामिल रहे।
जमशेदपुर में रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) की 106वीं बटालियन ने रविवार को अपनी स्थापना का 32वां वार्षिक उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया। इस खास मौके पर सुन्दरनगर स्थित ग्रुप मुख्यालय को सजाया गया और पूरे दिन विभिन्न कार्यक्रमों से वातावरण गूंजता रहा। रैफ की 106वीं बटालियन, जिसकी स्थापना 1 दिसंबर 1992 को नागालैंड के दीमापुर में हुई थी, ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए एक विशेष आयोजन का आयोजन किया।
शहीदों की याद में श्रद्धांजलि
इस कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई, जहां बलिदान देनेवाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस क्रियाकलाप ने हर व्यक्ति को यह याद दिलाया कि ये जवान अपने देश की सेवा में अपनी जान तक न्योछावर कर देते हैं। यह श्रद्धांजलि समारोह रैफ की बहादुरी और समर्पण के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा।
गार्ड ऑफ ऑनर और जवानों का हौसला
कार्यक्रम में गार्ड ऑफ ऑनर का आयोजन भी हुआ, जिसमें बटालियन के जवानों ने अपनी शौर्य और अनुशासन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गार्ड ऑफ ऑनर का यह दृश्य बटालियन की उत्कृष्टता, कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता और देशभक्ति की भावना को दर्शाता है। हर जवान की नजर में देश की सेवा का गर्व स्पष्ट था, और उनके हौसले ने सभी उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बढ़ाया उत्साह
दोपहर के बाद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उत्सव में रंग भर दिया। जवानों और अधिकारियों ने विभिन्न नृत्य और संगीत प्रस्तुतियों में भाग लिया, जो आयोजन को और भी जीवंत और यादगार बना दिया। इस कार्यक्रम में शामिल हर शख्स ने झूमते-गाते हुए एक साझा अनुभव का आनंद लिया। यह भी दिखाया कि रैफ की 106वीं बटालियन केवल एक सुरक्षा बल नहीं है, बल्कि एक ऐसा परिवार है जो एक-दूसरे के साथ खुशियों और कठिनाइयों में साझेदारी करता है।
सामूहिक भोज का आयोजन
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद, सभी ने मिलकर परंपरागत सामूहिक भोज का आनंद लिया। इस भोज में जवानों, अधिकारियों और उनके परिवारों ने साथ बैठकर खाने का आनंद लिया और एक-दूसरे के साथ गहरे रिश्तों का अनुभव किया। यह भोज न केवल शारीरिक पोषण का स्रोत था, बल्कि एकता और सामूहिकता का प्रतीक भी था।
मुख्य अतिथि और अतिथि अधिकारी
इस खास मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी शैलेन्द्र कुमार और सच्चिदानंद मिश्र जैसे प्रमुख अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन ने इस कार्यक्रम को और भी विशेष बनाया।
इतिहास में रैफ का योगदान
रैफ का इतिहास गर्व और वीरता से भरा हुआ है। यह बल विभिन्न संकटों और आपातकालीन परिस्थितियों में अग्रिम मोर्चे पर रहकर अपने कर्तव्यों को निभाता आया है। 106वीं बटालियन का स्थापना दिवस न केवल उनके गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है, बल्कि भविष्य के लिए उनके संकल्प और सेवा भाव की एक नई ऊर्जा भी प्रदान करता है।
रैफ की 106वीं बटालियन का स्थापना दिवस हर वर्ष उनके शानदार इतिहास और भविष्य की सेवा भावना की याद दिलाता है। यह एक दिन है, जो उन्हें सम्मानित करने और उनके समर्पण को सलाम करने का अवसर प्रदान करता है।
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