Jharkhand Raghubar Das Sister Death : रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का निधन
क्या आप जानते हैं कि रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का निधन हुआ? जानें उनके जीवन के बारे में और कैसे यह दुखद घटना राज्य में गहरी शोक की लहर छोड़ गई।
Jharkhand Raghubar Das Sister Death : रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का निधन | | जमशेदपुर में आज सुबह एक दुखद खबर सामने आई। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का निधन हो गया।
यह घटना टाटा मेन हॉस्पिटल में हुई, जहां उन्होंने सुबह के समय 6 बजे अंतिम सांस ली। प्रेमबती देवी का निधन पूरे राज्य में गहरे शोक की लहर छोड़ गया है।
क्या था प्रेमबती देवी का जीवन?
प्रेमबती देवी रघुवर दास की बड़ी बहन थीं और उनकी निजी और सार्वजनिक जीवन में अहम भूमिका थी। उनका जन्म जमशेदपुर के एक सामान्य परिवार में हुआ था, लेकिन समय के साथ उन्होंने अपने भाई रघुवर दास के साथ समाज में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। रघुवर दास को ओडिशा के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति मिली थी और वह कई सालों तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे थे।
प्रेमबती देवी का जीवन बहुत ही साधारण और सादा था। वह हमेशा अपने परिवार और समाज के प्रति समर्पित रहीं। भाई-बहन के रिश्ते में गहरी समझ और सहयोग की मिसाल पेश करती हुईं प्रेमबती देवी ने अपने जीवन के हर पल को अपने परिवार और समाज के लिए समर्पित किया।वे अपने पीछे चार बेटा और चार बेटी के साथ नाती पोता का भरा पूरा संसार छोड़ गयी है |
ब्रेन स्ट्रोक के बाद हुई हालत बिगड़ी
प्रेमबती देवी को कुछ दिनों पहले ब्रेन स्ट्रोक आया था, जिसके कारण उन्हें तत्काल टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती किया गया था। इस घटना के बाद उनका स्वास्थ्य और भी बिगड़ने लगा और आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
अंतिम यात्रा और शोक
प्रेमबती देवी की अंतिम यात्रा उनके एग्रिको स्थित आवास से निकलेगी। इस दुखद घटना से शहर में शोक की लहर दौड़ गई है। लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
इस दुख की घड़ी में रघुवर दास और उनके परिवार के प्रति पूरे राज्य ने अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। राज्य के कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है।
राज्य और क्षेत्र में शोक की लहर
प्रेमबती देवी के निधन के बाद, जमशेदपुर और पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे राज्य को शोक में डूबो दिया है। जमशेदपुर के नागरिक उनके योगदान को हमेशा याद करेंगे, और उनके परिवार के लिए यह समय बहुत ही कठिन है।
आगे आने वाले दिनों में, उनके निधन के बाद उनके परिवार और साथियों द्वारा आयोजित शोक समारोहों में कई प्रमुख नेता और समाजसेवी हिस्सा लेंगे।
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