Jharkhand Budget: वित्त मंत्री ने पेश किया 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए बढ़ सकती है मदद!

झारखंड विधानसभा में 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश! रसोइयों का मानदेय 3000 रुपये हुआ, विधवाओं और दिव्यांगों को अधिक पेंशन मिलेगी? पढ़ें पूरी खबर।

Feb 28, 2025 - 10:14
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Jharkhand Budget: वित्त मंत्री ने पेश किया 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए बढ़ सकती है मदद!
Jharkhand Budget: वित्त मंत्री ने पेश किया 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए बढ़ सकती है मदद!

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र 2025 के तीसरे दिन गुरुवार को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 5508 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। इस बजट में कुल 60 मांगों पर राशि जारी की गई, जिसमें सबसे अधिक 971.80 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग को दिए गए हैं। बजट सत्र के दौरान विधवाओं, दिव्यांग महिलाओं और रसोइयों की मदद से जुड़ी योजनाओं पर भी तीखी बहस हुई।

रसोइयों का मानदेय बढ़ाकर 3000 रुपये!

सदन में भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को उठाया और मंईयां सम्मान योजना की सराहना की। साथ ही सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बनाने वाली रसोइयों और स्वास्थ्य सहिया के लिए मिलने वाली 2000 रुपये की राशि बढ़ाने की मांग की। इस पर प्रभारी मंत्री चमरा लिंडा ने घोषणा की कि राज्य सरकार रसोइयों को 3000 रुपये प्रतिमाह देने की तैयारी कर रही है और यह बहुत जल्द लागू किया जाएगा।

विधवाओं और दिव्यांग महिलाओं को मिल सकता है अधिक पेंशन?

भाजपा विधायक सीपी सिंह ने 18 से 50 साल की विधवा और दिव्यांग महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर 2500 रुपये पेंशन देने की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई महिला 30 साल की उम्र में विधवा हो जाए, तो उसे केवल 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन क्यों मिलती है? उन्होंने कहा कि यह रकम बहुत कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है।

इस पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने जवाब दिया कि मंईयां सम्मान योजना की नियमावली में विधवाओं या परित्यक्ताओं का जिक्र नहीं है, लेकिन जो महिला 18 साल के बाद इस योजना का लाभ ले रही हैं, उन्हें यह लाभ विधवा होने के बाद भी मिलता रहेगा। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि पुरानी योजनाओं के तहत पहले से दिव्यांग महिलाओं को 1000 रुपये मिल रहे हैं, जबकि अन्य को मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिल रहा है।

क्या विधवा महिलाओं को 5000 रुपये की पेंशन मिलेगी?

सदन में मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार पहले ही विधवा प्रथा को समाप्त करने के लिए पहल कर चुकी है। अगर कोई विधवा पुनर्विवाह करती है, तो राज्य सरकार उसे 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार भी इतनी ही राशि देती है, तो विधवा प्रथा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

इसके बाद भाजपा विधायक सीपी सिंह ने राज्य सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि मंईयां सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये देने में क्या केंद्र सरकार से अनुमति ली गई थी? उन्होंने तर्क दिया कि अगर राज्य सरकार विधवाओं की सहायता करना चाहती है, तो उसे केंद्र सरकार से पूछने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

महिलाओं के लिए सरकार का क्या प्लान?

राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि अगर केंद्र 3000 रुपये का योगदान देने को तैयार हो, तो राज्य भी 2000 रुपये जोड़ेगा, जिससे विधवाओं को 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिल सकेगी। हालांकि, फिलहाल इस मुद्दे पर सरकार ने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।

झारखंड सरकार की महिला योजनाओं का इतिहास

झारखंड में महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनमें बदलाव और सुधार की जरूरत महसूस की गई। 2023 में राज्य सरकार ने मिड-डे मील रसोइयों के मानदेय में 1000 रुपये की वृद्धि की थी, जिससे उन्हें पहले के 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये दिया गया। वहीं, विधवा और दिव्यांग महिलाओं के लिए अब भी मदद की सीमित राशि दी जा रही है, जिस पर लगातार बहस जारी है।

 झारखंड में महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता बढ़ेगी?

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में उठाए गए मुद्दे महिलाओं, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए आर्थिक सहायता बढ़ाने की दिशा में अहम हो सकते हैं। जहां रसोइयों के मानदेय में बढ़ोतरी की पुष्टि हो चुकी है, वहीं विधवा और दिव्यांग महिलाओं को अधिक पेंशन देने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो राज्य की हजारों महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।