Jamshedpur Demand - आदिवासी छात्रों के लिए 100 बेड हॉस्टल की मांग, जानिए क्या होगा आगे?
जमशेदपुर में आदिवासी छात्रों के लिए 100 बेड के नए हॉस्टल की मांग! जानें क्यों जरूरी है यह सुविधा और सरकार का क्या है प्लान? पढ़ें पूरी खबर।

जमशेदपुर: पोटका विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव सरदार ने आदिवासी छात्रों की शिक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने झारखंड सरकार से एलबीएसएम कॉलेज कैंपस, करनडीह जमशेदपुर में 100 बेड का नया छात्रावास बनाने की मांग की है।
छात्रों को क्यों पड़ी हॉस्टल की जरूरत?
फिलहाल, आदिवासी कल्याण छात्रावास में 250 से 300 छात्र रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन सीटों की कमी के कारण कई छात्रों को किराए पर कमरे लेकर रहना पड़ता है या फिर रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। यह न सिर्फ आर्थिक रूप से महंगा साबित हो रहा है, बल्कि छात्रों को शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है।
विधायक की सक्रियता से मिलेगी राहत?
विधायक संजीव सरदार ने झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा से मुलाकात की और छात्रों की समस्या से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने अनुरोध किया कि छात्रावास की सुविधा बढ़ाने के लिए 100 बेड का नया हॉस्टल बनाया जाए, ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिल सके।
आदिवासी शिक्षा की स्थिति पर एक नजर
झारखंड में आदिवासी शिक्षा का इतिहास संघर्षों से भरा रहा है। आदिवासी छात्र अक्सर संसाधनों की कमी, आर्थिक तंगी और सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई छोड़ देते हैं। हालांकि, सरकार समय-समय पर योजनाएं लेकर आती रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका सही क्रियान्वयन हमेशा सवालों के घेरे में रहता है।
झारखंड सरकार द्वारा आदिवासी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं, निशुल्क शिक्षा और हॉस्टल सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन बढ़ती आबादी और सीमित संसाधनों के कारण हर जरूरतमंद छात्र को यह लाभ नहीं मिल पाता।
क्या कहती है सरकार?
मंत्री चमरा लिंडा ने आश्वासन दिया है कि छात्रावास की सुविधा को जल्द से जल्द बढ़ाया जाएगा। विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और इसके लिए जल्द कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों को इससे क्या मिलेगा?
अगर 100 बेड का नया छात्रावास बनता है तो—
छात्रों को रहने की बेहतर सुविधा मिलेगी।
लंबी दूरी तय करने की समस्या खत्म होगी।
किराए के मकान में रहने का खर्च बचेगा।
बेहतर माहौल में शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
क्या शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार की जरूरत है?
यह पहल आदिवासी छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। लेकिन सिर्फ हॉस्टल सुविधा से ही समस्या हल नहीं होगी। शिक्षा के स्तर को सुधारने, अधिक योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है।
अब आगे क्या होगा?
सरकार ने हॉस्टल निर्माण को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है, लेकिन इसका अमल कितनी तेजी से होता है, यह देखने वाली बात होगी।
आपका क्या कहना है?
क्या सरकार को आदिवासी छात्रों के लिए और भी सुविधाएं बढ़ानी चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट में जरूर बताएं!
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