Chakradharpur Accident: लकड़ी काटते समय पेड़ से गिरा युवक, एक हाथ और पैर टूटे!
चक्रधरपुर के हेसलकुट्टी गांव में लकड़ी काटते समय युवक पेड़ से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका एक हाथ और पैर टूट गया, जबकि सिर में गहरी चोट लगी है। जानिए पूरी घटना।

चक्रधरपुर: झारखंड के चक्रधरपुर के हेसलकुट्टी गांव में बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब 27 वर्षीय गोपाल सामड लकड़ी काटने के दौरान अचानक पेड़ से गिर गया। इस हादसे में उसका एक हाथ और एक पैर बुरी तरह टूट गया, जबकि सिर में भी गहरी चोट आई। हादसे के तुरंत बाद परिजनों ने घायल गोपाल को सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर उपचार के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, गोपाल सामड जलावन के लिए लकड़ी काटने जंगल में गया था। पेड़ पर चढ़कर लकड़ी काटने के दौरान उसका पैर अचानक फिसल गया और वह सीधे नीचे गिर पड़ा। पेड़ से गिरने की आवाज सुनते ही पास के ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे। घायल की हालत गंभीर देखते हुए परिजनों ने जल्दबाजी में उसे सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाने का फैसला लिया, क्योंकि चाईबासा के मुकाबले सरायकेला पहुंचना आसान था।
पेड़ों पर चढ़कर लकड़ी काटने की परंपरा और खतरे
ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ों पर चढ़कर लकड़ी काटने की परंपरा पुरानी है। खासकर झारखंड, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में लोग आज भी इस पारंपरिक तरीके से जलावन के लिए लकड़ी काटते हैं। हालांकि, आधुनिक समय में इस पद्धति को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
हर साल झारखंड, बिहार, और छत्तीसगढ़ में पेड़ से गिरने की घटनाएं सामने आती हैं। इसमें कई बार लोगों को गंभीर चोटें आती हैं, तो कई मामलों में जान तक चली जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि लकड़ी काटने के लिए पारंपरिक तरीकों को छोड़कर आधुनिक और सुरक्षित विकल्प अपनाने चाहिए।
घायल गोपाल की हालत कैसी है?
डॉक्टरों के मुताबिक, गोपाल सामड के एक हाथ और एक पैर में गंभीर चोटें आई हैं, और सिर में भी गहरी चोट लगी है। प्राथमिक इलाज के बाद उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। परिवार वालों ने बताया कि वे जल्द से जल्द उसके इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था करने में जुटे हैं।
पेड़ से गिरने की घटनाओं से कैसे बचा जाए?
विशेषज्ञों का मानना है कि लकड़ी काटने के दौरान सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना जरूरी है। यदि लोगों को ऊंचे पेड़ों पर चढ़ना पड़े, तो उन्हें सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट पहनना चाहिए। साथ ही, सरकार और प्रशासन को ग्रामीणों के लिए सुरक्षित तरीके से लकड़ी काटने के विकल्प उपलब्ध कराने चाहिए।
झारखंड के आदिवासी इलाकों में लकड़ी काटने की परंपरा पुरानी जरूर है, लेकिन यह कई बार खतरनाक साबित होती है। गोपाल सामड का यह हादसा इसी ओर इशारा करता है कि हमें आधुनिक तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। प्रशासन और समाज को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि लोग सुरक्षित रहें और ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
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