सरायकेला: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में अवैध बालू खनन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे दिनदहाड़े नदियों से अवैध बालू उठाव कर रहे हैं। इसी को रोकने के लिए जिला खनन विभाग ने बुधवार को ईचागढ़ थाना क्षेत्र के छोटचुनचुनरिया में औचक छापेमारी की, जिसमें 4 ट्रैक्टर जब्त किए गए।
खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपति की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हलचल मच गई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह अवैध कारोबार सच में रुक पाएगा?
दिनदहाड़े बालू माफियाओं का खेल!
पहले अवैध खनन का खेल रात के अंधेरे में चलता था, लेकिन अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि माफिया दिन के उजाले में भी नदियों से बालू निकाल रहे हैं। बालू माफिया सिर्फ ट्रैक्टर ही नहीं, बल्कि ट्रक और नावों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे प्रशासन के लिए इस अवैध कारोबार को रोकना और मुश्किल हो गया है।
खनन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद अवैध खनन बदस्तूर जारी है। हर दिन दर्जनों ट्रैक्टर और ट्रक बिना किसी अनुमति के नदियों से बालू उठाकर बाहर ले जा रहे हैं।
इतिहास में भी होती रही है बालू माफियाओं की मनमानी
अवैध बालू खनन सिर्फ झारखंड का ही नहीं, बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का भी एक बड़ा मुद्दा रहा है। नदियों के किनारे बसे इलाकों में यह काले कारोबार का गढ़ बन चुका है।
इतिहास देखें, तो झारखंड में बालू माफिया दशकों से सक्रिय हैं। जब भी प्रशासन सख्त कार्रवाई करता है, वे नए तरीके अपनाकर इस धंधे को जारी रखते हैं।
सरायकेला-खरसावां जिले में खासतौर पर स्वर्णरेखा नदी और अन्य छोटी नदियों से बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जाता है। पहले यह काम चोरी-छिपे होता था, लेकिन अब यह खुलेआम किया जा रहा है।
खनन विभाग का एक्शन – क्या होगा असर?
बुधवार को खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपति ने ईचागढ़ थाना क्षेत्र में छापा मारकर 4 ट्रैक्टर जब्त किए। ट्रैक्टरों को ईचागढ़ थाना को सौंप दिया गया है और अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई बालू माफियाओं के हौसले पस्त कर पाएगी?
अवैध बालू खनन के खतरनाक परिणाम
अवैध बालू खनन सिर्फ प्राकृतिक असंतुलन ही नहीं, बल्कि नदी क्षेत्रों के लिए भी खतरनाक है। इससे नदी की धारा बदल जाती है और कई इलाकों में जल स्तर गिरने लगता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में जल संकट बढ़ सकता है।
प्रशासन को क्या करना चाहिए?
- सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी – अवैध खनन पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा।
- स्थानीय लोगों को जागरूक करना – अगर स्थानीय लोग खुद आगे आकर प्रशासन की मदद करें, तो इस अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सकती है।
- सख्त सजा और जुर्माना – जब तक माफियाओं को कड़ी सजा नहीं दी जाएगी, तब तक वे इस धंधे को बंद नहीं करेंगे।
सरायकेला-खरसावां जिले में खनन विभाग की कार्रवाई अवैध बालू खनन पर लगाम लगाने की कोशिश का हिस्सा है, लेकिन असली चुनौती इसे पूरी तरह खत्म करना है। जब तक प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक यह अवैध कारोबार बंद नहीं होगा।