Jamshedpur Inspection: विधायक सरयू राय के दौरे के बाद हड़कंप, पानी टंकियों से निकला टनों गंदा मलबा!
जमशेदपुर के विधायक सरयू राय के निरीक्षण के बाद मानगो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई शुरू! सालों से जमा टनों गंदा मलबा निकला, जानिए पूरा मामला।

झारखंड के जमशेदपुर में पेयजल संकट और गंदगी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। विधायक सरयू राय के औचक निरीक्षण के बाद मानगो पेयजल परियोजना की हकीकत उजागर हो गई है।
बीते 16 दिसंबर की रात 11:30 बजे से लेकर 2:30 बजे तक सरयू राय ने मानगो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और पानी की टंकियों का निरीक्षण किया था। चार घंटे की इस जांच में भारी अनियमितताएं सामने आईं, जिससे नगर विकास विभाग और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में हड़कंप मच गया।
अब इस दबाव के चलते प्रशासन हरकत में आया है और सालों से गंदगी में सनी पानी की टंकियों की सफाई शुरू कर दी गई है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर इतने सालों तक मानगोवासियों को गंदा पानी क्यों पिलाया गया? और जिम्मेदार कौन है?
विधायक सरयू राय क्यों भड़के?
निरीक्षण के दौरान विधायक को जो हालात मिले, वो किसी भी नागरिक के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं।
वर्षों से टंकियों की सफाई नहीं हुई थी, जिससे पानी में कीचड़ और मलबा जमा हो गया था।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लगे यंत्र निष्क्रिय पड़े थे, जिससे पानी ठीक से फ़िल्टर नहीं हो रहा था।
गंदगी और बदबू इतनी अधिक थी कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल था।
नगर प्रशासन और संबंधित विभाग पूरी तरह निष्क्रिय बने हुए थे।
अब क्या हुआ? सफाई अभियान शुरू!
सरयू राय के सख्त रुख के बाद मंगलवार को जवाहरनगर स्थित 15 नंबर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई शुरू कर दी गई। उनके प्रतिनिधि नीरज सिंह, पप्पू सिंह और संतोष भगत मौके पर पहुंचे और सफाई कार्य का निरीक्षण किया।
सालों से जमा टनों गंदा मलबा और कीचड़ बाहर निकाला गया।
अब सातों पानी टंकियों की सफाई की जाएगी, हालांकि तारीख अभी तय नहीं हुई है।
सुपरवाइजर अर्जुन शाही ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी टंकियों की सफाई पूरी होगी।
लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर सरयू राय का औचक निरीक्षण नहीं होता, तो क्या सफाई कभी होती?
इतने सालों तक गंदा पानी क्यों पिलाया गया?
यह कोई नई बात नहीं है कि झारखंड में जल आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब रही है। मानगो क्षेत्र में कई सालों से पेयजल परियोजना में अनियमितताओं की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
पूर्ववर्ती जनप्रतिनिधियों पर आरोप है कि उन्होंने जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया।
नगर निगम की लापरवाही से पूरे क्षेत्र में गंदे पानी की आपूर्ति होती रही।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग अपने ही सिस्टम को चलाने में विफल रहा।
आखिर क्या कारण है कि जनता को साफ पानी तक उपलब्ध नहीं कराया गया? यह एक गंभीर सवाल है, जिसका जवाब अभी भी अधूरा है।
इतिहास गवाह है – पेयजल संकट नया नहीं!
अगर हम इतिहास में झांकें, तो झारखंड और बिहार के कई इलाकों में पेयजल संकट लंबे समय से बना हुआ है।
1960 के दशक में जब जमशेदपुर में औद्योगीकरण तेजी से बढ़ा, तब भी जल संकट एक बड़ा मुद्दा था।
2000 में झारखंड राज्य बनने के बाद, पेयजल योजनाओं पर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन हालात ज्यादा नहीं बदले।
आज भी कई इलाकों में पीने के पानी में गंदगी की शिकायतें आम हैं।
जनता के लिए सरयू राय का संदेश!
विधायक सरयू राय ने साफ कहा कि अब किसी भी जनसुविधा में लापरवाही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि चाहे पेयजल आपूर्ति हो, कचरा निष्पादन हो, बिजली आपूर्ति हो या अन्य कोई सुविधा – प्रशासन को जवाबदेह बनना होगा।
सरयू राय ने जनता से भी अपील की कि अगर उन्हें किसी भी तरह की लापरवाही नजर आती है, तो वे आगे आकर शिकायत करें।
जल्द ही सभी पानी टंकियों की सफाई पूरी होगी।
जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
नगर प्रशासन और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
अब आगे क्या?
सरयू राय की निगरानी में सफाई कार्य जारी रहेगा।
सभी सातों पानी टंकियों की सफाई जल्द शुरू होगी।
नगर प्रशासन की जवाबदेही तय करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन सुधरता है या फिर जनता को फिर से संघर्ष करना पड़ेगा?
What's Your Reaction?






