Jamshedpur में Horse Riding: टाटा स्टील कैडेट्स का इंटर-स्टेट चैम्पियनशिप में धमाल
टाटा स्टील हॉर्स राइडिंग ट्रेनिंग सेंटर के कैडेट्स ने गाजियाबाद में "द पेंटा ग्रांड 2024" में स्वर्ण और रजत पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया। जानिए उनकी सफलता की कहानी।
झारखंड के जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील हॉर्स राइडिंग ट्रेनिंग सेंटर के कैडेट्स ने गाजियाबाद में आयोजित "द पेंटा ग्रांड 2024" इंटर-स्टेट हॉर्स राइडिंग चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया। 7 से 15 दिसंबर तक आयोजित इस प्रतियोगिता में 9 राज्यों के प्रतिभाशाली राइडर्स ने हिस्सा लिया, लेकिन टाटा स्टील के युवा राइडर्स ने अपने कौशल से सभी को प्रभावित किया।
कैडेट्स ने जूनियर और चिल्ड्रन ग्रुप श्रेणियों में पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया। उनके कोच दुष्यंत कुमार के कुशल मार्गदर्शन में टीम ने यह ऐतिहासिक सफलता हासिल की।
चैम्पियनशिप में झलकी जमशेदपुर की चमक
इस प्रतियोगिता में माज़ ज़फर (11) ने चिल्ड्रन ग्रुप II श्रेणी में दो रजत पदक जीते, जबकि कृशिव गुप्ता (14) ने जूनियर ग्रुप श्रेणी में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इन उपलब्धियों ने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में हॉर्स राइडिंग के क्षेत्र में जमशेदपुर को एक खास पहचान दिलाई।
पेंटा ग्रांड 2024: एक प्रतिष्ठित आयोजन
गाजियाबाद में आयोजित "द पेंटा ग्रांड 2024" हॉर्स राइडिंग प्रतियोगिता भारत की सबसे प्रतिष्ठित इंटर-स्टेट चैम्पियनशिप में से एक है। इसमें विभिन्न आयु समूहों के राइडर्स ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को हॉर्स राइडिंग जैसे खेलों के प्रति प्रोत्साहित करना और राष्ट्रीय स्तर पर भारत को नई प्रतिभाएं देना है।
इस प्रतियोगिता में राइडर्स को शो जंपिंग, ड्रेसाज, और अन्य तकनीकी सत्रों में भाग लेना होता है, जो उनके मानसिक और शारीरिक संतुलन का परीक्षण करता है।
झारखंड और हॉर्स राइडिंग का ऐतिहासिक रिश्ता
झारखंड के जमशेदपुर में खेलों को प्रोत्साहित करने का एक लंबा इतिहास रहा है। टाटा स्टील ने हमेशा से ही खेल प्रतिभाओं को उभरने का अवसर दिया है। हॉर्स राइडिंग की शुरुआत झारखंड में ब्रिटिश राज के दौरान हुई थी। जमशेदपुर में हॉर्स राइडिंग सेंटर की स्थापना इसी परंपरा को आगे बढ़ाने और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने के लिए की गई थी।
आज, यह केंद्र न केवल झारखंड बल्कि देशभर के उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
सफलता के पीछे कोच दुष्यंत कुमार का मार्गदर्शन
टाटा स्टील हॉर्स राइडिंग सेंटर के कैडेट्स की सफलता के पीछे उनके कोच दुष्यंत कुमार का बड़ा योगदान है। कोच ने खिलाड़ियों को न केवल तकनीकी कौशल बल्कि मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास भी सिखाया।
दुष्यंत कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा,
"यह सफलता बच्चों की मेहनत और उनके माता-पिता के सहयोग का परिणाम है। हमारा प्रयास झारखंड से और अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करना है।"
झारखंड में हॉर्स राइडिंग का भविष्य
झारखंड में हॉर्स राइडिंग तेजी से लोकप्रिय हो रही है। टाटा स्टील जैसे संस्थानों की पहल और स्थानीय प्रतिभाओं की मेहनत इस खेल को नए आयाम दे रही है। "द पेंटा ग्रांड 2024" में मिली सफलता ने इस खेल के प्रति झारखंड के युवाओं का उत्साह और बढ़ा दिया है।
झारखंड के खेल प्रेमी और सरकार को अब यह समझने की जरूरत है कि हॉर्स राइडिंग जैसे खेलों में निवेश से राज्य के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
कैसे बनी यह कहानी खास?
माज़ ज़फर और कृशिव गुप्ता जैसे युवा खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि जमशेदपुर के पास न केवल औद्योगिक बल्कि खेलों में भी शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता है। उनकी उपलब्धियां हर युवा को यह संदेश देती हैं कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से हर सपना साकार किया जा सकता है।
झारखंड के खेल इतिहास में यह उपलब्धि हमेशा याद रखी जाएगी।
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