Teachers Day Celebration : शिक्षक दिवस पर डॉ रंजीत प्रसाद ने कहा – गुरु ही समाज का आधार, छात्राओं को दिया खास संदेश
शिक्षक दिवस के अवसर पर द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर में आयोजित कार्यक्रम में डॉ रंजीत प्रसाद ने कहा कि भारत प्राचीन काल से विश्व गुरु रहा है। जानिए कैसे छात्राओं को दिया गया प्रेरणादायक संदेश।
शिक्षक दिवस के अवसर पर आज द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर के B.Ed विभाग में भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सिंडिकेट सदस्य और राज्यपाल के प्रतिनिधि कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के डॉ रंजीत प्रसाद उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विश्व गुरु रहा है और समाज में गुरु का बहुत मान-सम्मान है।
डॉ रंजीत प्रसाद ने कहा, “प्राचीन काल से लेकर आज तक भारत ने अनेक महान शिक्षकों और विचारकों को जन्म दिया है। गुरु ही समाज को ज्ञान, दिशा और सेवा का मार्ग दिखाते हैं। बिना गुरु के ज्ञान संभव नहीं है।” उन्होंने छात्राओं को शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए प्रेरित किया कि वे समाज की सेवा के लिए उत्कृष्ट शिक्षिका बनें।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। प्रभारी प्राचार्या प्रो डोरिस दास ने मुख्य अतिथि डॉ रंजीत प्रसाद को पौधा और साल द्वारा सम्मानित किया। कार्यक्रम में B.Ed की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और इसके साथ मनमोहक नृत्य भी पेश किया। इसके बाद मुख्य अतिथि ने केक काटकर सभी छात्राओं के साथ शिक्षक दिवस मनाया।
प्रो डोरिस दास ने कहा, “हम सब शिक्षक हैं और आप लोग भी शिक्षिका बनने जा रही हैं। मेरा आशीर्वाद है कि आप समाज की सेवा करें और एक अच्छी शिक्षिका बनें।”
B.Ed विभाग अध्यक्ष डॉ विशेश्वर यादव ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षक ही छात्र-छात्राओं को प्रकाश का मार्ग दिखाते हैं। गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है। गुरु के मार्गदर्शन से छात्र समाज में उच्च पदों को प्राप्त कर सेवा कर सकते हैं।”
इस अवसर पर डॉक्टर अरुंधति दे, डॉ अपराजिता सिंह, डॉ पूनम ठाकुर, प्रो इंदु सिंहा, प्रो प्रीति सिंह, डॉ श्वेता बागडे, डॉ जया शर्मा, डॉ रानी सिंह, प्रो प्रेमलता पुष्प, प्रो प्रियंका कुमारी, प्रो प्रियंका भगत, प्रो दीपिका कुजूर, प्रो मोइत्री, डॉ मीनू वर्मा सहित कई शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
कार्यक्रम ने छात्राओं में जोश और उत्साह भर दिया। उन्होंने समाज सेवा के लिए खुद को तैयार करने का संकल्प लिया। साथ ही गुरु का सम्मान और शिक्षा का महत्व भी समझा। इस अवसर पर शिक्षकों का सम्मान और शिक्षार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।
शिक्षक दिवस का यह आयोजन न केवल शिक्षकों का उत्सव बना, बल्कि छात्राओं को सेवा, समर्पण और ज्ञान का सही अर्थ समझाने वाला कार्यक्रम भी रहा। इसे समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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