Singhbhum Demand: जमशेदपुर में एयरपोर्ट की मांग हुई तेज, सीएम हेमंत सोरेन से उद्योगपतियों की खास अपील
सिंहभूम चैम्बर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके दूसरे कार्यकाल की शुभकामनाएं दीं और जमशेदपुर में एयरपोर्ट के निर्माण की मांग की। पढ़ें कैसे यह शहर के विकास में मददगार होगा।
जमशेदपुर, जिसे स्टील सिटी और झारखंड की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है, अपनी औद्योगिक पहचान और ऐतिहासिक महत्व के बावजूद एक बुनियादी जरूरत - एयरपोर्ट से वंचित है। सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस विषय पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके दूसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देते हुए जमशेदपुर में एयरपोर्ट निर्माण की मांग को जोरदार तरीके से उठाया।
स्टील सिटी का अधूरा विकास: 100 साल बाद भी एयरपोर्ट का अभाव
सिंहभूम चैम्बर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा:
"जमशेदपुर को स्थापित हुए 100 साल से अधिक हो गए हैं। इसे औद्योगिक नगरी और झारखंड की आर्थिक राजधानी के रूप में पहचान मिली है। फिर भी, शहर का समग्र विकास नहीं हो सका है। एयरपोर्ट का न होना इसकी सबसे बड़ी वजह है।"
उन्होंने आग्रह किया कि मुख्यमंत्री अपने दूसरे कार्यकाल में जमशेदपुर के पास धालभूमगढ़ में प्रस्तावित एयरपोर्ट के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें।
एयरपोर्ट का अभाव: निवेश और रोजगार पर असर
मानद महासचिव मानव केडिया ने बताया कि एयरपोर्ट के अभाव में जमशेदपुर में नए निवेशक आने से कतराते हैं।
- युवाओं का पलायन:
पढ़ाई पूरी करने के बाद शहर के युवा यहां रोजगार और व्यापार करने की बजाय दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं। - राजस्व पर असर:
झारखंड राज्य का बड़ा राजस्व और पूंजी दूसरे राज्यों के विकास में जा रही है।
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट बनने से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि झारखंड के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
झारखंड के विकास में जमशेदपुर की भूमिका
सिंहभूम चैम्बर के अन्य पदाधिकारियों, जिनमें उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल, पुनीत कांवटिया और अनिल मोदी शामिल हैं, ने कहा:
"झारखंड राज्य को राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा जमशेदपुर से मिलता है। यहां करीब 1300 से ज्यादा बड़े, मध्यम और लघु उद्योग स्थापित हैं। बावजूद इसके, हवाई अड्डे का निर्माण न होना शहर के विकास में बाधा बन रहा है।"
उन्होंने बताया कि हवाई यात्रा के लिए स्थानीय जनता को रांची या कोलकाता जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है।
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट: इतिहास और वर्तमान स्थिति
धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण का प्रस्ताव कई साल पुराना है।
- 2018:
इस प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी। - वर्तमान:
फंड और प्रशासनिक देरी के कारण प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है।
सिंहभूम चैम्बर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।
एयरपोर्ट के फायदे: जमशेदपुर और झारखंड के लिए वरदान
- आर्थिक विकास:
एयरपोर्ट के निर्माण से नए निवेशक आकर्षित होंगे और उद्योगों की स्थापना में तेजी आएगी। - रोजगार के अवसर:
एयरपोर्ट से जुड़े प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके बढ़ेंगे। - पर्यटन को बढ़ावा:
हवाई यात्रा की सुविधा मिलने से पर्यटक और कारोबारी वर्ग की आवाजाही आसान होगी। - युवाओं का पलायन रुकेगा:
स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के अवसर मिलने से युवा झारखंड में ही रह सकेंगे।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों की उम्मीद
सिंहभूम चैम्बर के सचिव अंशुल रिंगसिया और कोषाध्यक्ष अनिल रिंगसिया ने कहा:
"मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हमें पूरी उम्मीद है कि उनके दूसरे कार्यकाल में यह सपना साकार होगा।"
साथ ही उन्होंने झारखंड सरकार से एयरपोर्ट निर्माण के लिए केंद्रीय मदद लेने की भी अपील की।
कब साकार होगा यह सपना?
जमशेदपुर में एयरपोर्ट की जरूरत आज से नहीं, बल्कि दशकों पुरानी है।
अगर धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण होता है, तो यह न केवल जमशेदपुर बल्कि पूरे झारखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। अब यह देखना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस दिशा में कितनी तेजी से कदम उठाते हैं।
What's Your Reaction?