Health Alert: उपायुक्त ने मातृ-शिशु मृत्यु दर और मिर्गी मरीजों की स्थिति पर दिए सख्त निर्देश, क्या आपके इलाके में मिल रही है सही स्वास्थ्य सेवाएं?
10 सितंबर 2025 को जमशेदपुर में हुई स्वास्थ्य बैठक में उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने मातृ-शिशु मृत्यु दर पर समीक्षा की। मिर्गी मरीजों के लिए चल रहे उल्लास प्रोजेक्ट की भी चर्चा हुई। जानिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में।

पूर्वी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और मातृ-शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण पाने के लिए आज समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग की अहम बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने की। बैठक में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की समीक्षा की गई। साथ ही मिर्गी मरीजों के लिए चल रहे “उल्लास प्रोजेक्ट” की स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में मातृत्व मृत्यु दर के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। डुमरिया में 1, पटमदा में 3, पोटका में 4 और जुगसलाई में 1 मातृ मृत्यु के कारणों की जानकारी एमओआईसी से ली गई। उपायुक्त ने साफ कहा कि माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और उपचार सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने एएनएम, सहिया, चिकित्सकों को निर्देश दिया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाएँ।
बैठक में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं की तीसरी और चौथी एएनसी (गर्भावस्था पूर्व देखभाल) विजिट के दौरान मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा दी जाती है। इससे भ्रूण का विकास सही हो रहा है या नहीं, इसका समय रहते पता लगाया जा सकता है। यदि किसी गर्भवती महिला की स्थिति में जटिलता हो तो उसका इलाज तुरंत कराया जा सके। यह सुविधा जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जा रही है। गर्भवती महिलाएँ इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में निःशुल्क ले सकती हैं।
इसके अलावा बैठक में मिर्गी मरीजों के लिए चल रहे “उल्लास प्रोजेक्ट” की भी समीक्षा की गई। इस योजना के तहत चिन्हित मिर्गी मरीजों को नियमित उपचार, दवाइयाँ और काउंसलिंग प्रदान की जा रही है। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को इसे प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया।
बैठक में सिविल सर्जन श्री साहिर पाल, सभी एमओआईसी और अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे। उपायुक्त ने आम जनता से अपील की कि गर्भवती महिलाएँ समय पर जांच कराएँ और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से भी बेहतर सेवाएँ उपलब्ध कराने को कहा।
यह बैठक जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। खासकर मातृ और शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण और मिर्गी मरीजों के उपचार के लिए इससे महत्वपूर्ण मदद मिलने की उम्मीद है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि सभी योजनाएँ प्रभावी ढंग से लागू कर लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई जाएँगी।
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