घाटशिला कॉलेज में 5 दिवसीय आदिवासी नृत्य-संगीत पर कार्यशाला का हुआ समापन, 50 छात्रों को किया गया पुरस्कृत

घाटशिला महाविद्यालय में पांच दिवसीय आदिवासी पारंपरिक नृत्य-संगीत कार्यशाला का समापन हुआ, जिसमें 50 छात्रों को पुरस्कृत किया गया। आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के प्रयास को सराहा गया।

Jul 26, 2024 - 16:32
Jul 26, 2024 - 16:52
घाटशिला कॉलेज में 5 दिवसीय आदिवासी नृत्य-संगीत पर कार्यशाला का हुआ समापन, 50 छात्रों को किया गया पुरस्कृत
घाटशिला कॉलेज में 5 दिवसीय आदिवासी नृत्य-संगीत पर कार्यशाला का हुआ समापन, 50 छात्रों को किया गया पुरस्कृत

घाटशिला महाविद्यालय के संताली विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आदिवासी पारंपरिक नृत्य-संगीत कार्यशाला का समापन शुक्रवार को बड़े धूमधाम से हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करना था।

मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

इस समापन समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ आरके चौधरी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी सच्चिदानंद महतो शामिल हुए। प्राचार्य डॉ आरके चौधरी ने मुख्य अतिथि एसडीओ सच्चिदानंद महतो का बुके और आंवस्त्र देकर स्वागत किया।

आदिवासी वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति

कार्यशाला में छात्रों ने आदिवासी वाद्य यंत्रों जैसे मांदल, नगाड़ा, बानम, तिरियो, घंटी और चोड़चडी का प्रशिक्षण प्राप्त कर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। प्रशिक्षकों बाबूलाल बोयपाई, नुनाराम मुर्मू, काशीनाथ सोरेन, शीतल हेम्ब्रम और अन्य को सम्मानित किया गया।

पुरस्कार और सम्मान

समारोह के दौरान 50 छात्रों को मेडल पहनाकर पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि सच्चिदानंद महतो ने आदिवासी संस्कृति के संरक्षण में कॉलेज के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कॉलेज का सराहनीय योगदान

प्राचार्य डॉ आरके चौधरी ने टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग का उल्लेख करते हुए संताली विभाग के प्राध्यापक मानिक मार्डी और बसंती मार्डी की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि जगदीश भगत, कान्हु सामंत, डॉ एसके सिंह, डॉ डीसी राम, प्रोफेसर इंदल पासवान, डॉ संदीप चंद्र, प्रो महेश्वर प्रमाणिक, डॉ एसपी सिंह, डॉ कुमार विशाल, प्रो विकास मुंडा, प्रो अर्चना सुरीन, डॉ संजेश तिवारी समेत काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

घाटशिला कॉलेज में आयोजित इस पांच दिवसीय आदिवासी नृत्य-संगीत कार्यशाला ने न सिर्फ छात्रों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक किया बल्कि आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Chandna Keshri मैं स्नातक हूं, लिखना मेरा शौक है।