MGM Crisis: अस्पताल में गाड़ी खड़ी की तो खैर नहीं! MGM के भीतर बढ़ते जाम पर प्रबंधन का बड़ा हथौड़ा
जमशेदपुर के MGM अस्पताल के नोडल ऑफिसर ने अस्पताल परिसर को 'वाहन मुक्त क्षेत्र' क्यों घोषित किया? क्या मरीजों के परिजनों द्वारा अंदर गाड़ी खड़ी करने से एंबुलेंस का रास्ता रुक रहा था? अस्थायी दुकानों को हटाने का निर्देश क्यों दिया गया? नए निर्देशों का उल्लंघन करने पर किस तरह की कार्रवाई की जाएगी? पूरी जानकारी पढ़ें!
जमशेदपुर, 27 अक्टूबर 2025 - जमशेदपुर के मानगो डिमना चौक स्थित एमजीएम अस्पताल में बढ़ती अव्यवस्था पर आखिरकार अस्पताल प्रबंधन ने सख्त रुख अपना लिया है। मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ, अस्पताल परिसर के अंदर वाहनों के अंधाधुंध पार्किंग और अस्थायी दुकानों के अतिक्रमण ने इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थान की कार्यप्रणाली को गंभीर रूप से बाधित कर दिया था। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, अस्पताल प्रबंधन ने अब एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मरीजों की जिंदगी दांव पर, एंबुलेंस के रास्ते में गाड़ियां
एमजीएम अस्पताल, कोल्हान क्षेत्र का एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र है। यहां प्रतिदिन इलाज के लिए आने वाले सैकड़ों मरीजों के परिजनों द्वारा अपनी मोटरसाइकिल और अन्य वाहन अस्पताल के आंतरिक रास्तों पर ही खड़े कर देने से गंभीर जाम की स्थिति बन रही थी।
स्थिति इतनी भयावह हो चुकी थी कि आपातकालीन स्थितियों में एंबुलेंस और मरीजों को ले जा रहे स्ट्रेचर की आवाजाही में लगातार बाधा उत्पन्न हो रही थी। कई बार इन अवरोधों के कारण मरीजों को समय पर इलाज मिलना भी मुश्किल हो जाता था, जिससे उनकी जान को खतरा पैदा हो रहा था।
नोडल ऑफिसर का कड़ा **निर्णय: ** वाहन मुक्त क्षेत्र
इस गंभीर समस्या पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल के नोडल ऑफिसर संतोष गर्ग ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने होमगार्ड जवानों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि अब से किसी भी मरीज या उसके परिजन की गाड़ी को अस्पताल परिसर के अंदर खड़ी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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कहां होगी पार्किंग?: सभी वाहनों को अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर स्थित निर्धारित खाली जगह पर ही पार्क करना होगा।
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लक्ष्य: अस्पताल परिसर को पूर्णत वाहन मुक्त क्षेत्र (Vehicle-Free Zone) के रूप में लागू किया जाएगा, ताकि आपातकालीन सेवाएं और अस्पताल का नियमित संचालन बिना किसी बाधा के सुनिश्चित किया जा सके।
भीड़ बढ़ाने वाली दुकानों पर भी हथौड़ा
सिर्फ पार्किंग ही नहीं, बल्कि अस्पताल प्रबंधन ने अतिक्रमण की समस्या पर भी ध्यान केंद्रित किया है। अस्पताल गेट के ठीक पास लगी अस्थायी दुकानों को हटाने का निर्देश भी जारी किया गया है। इन दुकानों के कारण गेट पर बेवजह भीड़ और अव्यवस्था बढ़ रही थी, जिससे मरीजों और राहगीरों को भारी परेशानी हो रही थी।
इतिहास की पुनरावृत्ति: यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू हुई है। पहले भी यहाँ डॉक्टरों और कर्मचारियों की पार्किंग व्यवस्था, तथा बाहरी लोगों के अनावश्यक प्रवेश पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन प्रभावी अनुपालन की कमी के कारण समस्या ज्यों की त्यों बनी रही है। इस बार नोडल ऑफिसर के सख्त तेवर से उम्मीद है कि यह निर्णय टिकाऊ साबित होगा।
अस्पताल प्रबंधन ने सभ्य नागरिकों से सहयोग की अपील की है और स्पष्ट कर दिया है कि संवेदनशील अस्पताल परिसर में व्यवस्था भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और नए निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पाठकों से सवाल:
आपकी राय में, क्या सिर्फ बाहर पार्किंग से समस्या हल होगी, या अस्पताल प्रशासन को एंबुलेंस और इमरजेंसी वाहनों के लिए अलग से निगरानी दल बनाना चाहिए? कमेंट करके अपनी प्रतिक्रिया दें।
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